समुद्र को दूसरा घर बनाया रेखा ने

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भारत की पहली फिशर वुमन है केरल की के.सी.रेखा। वह केरल के थ्रिशूर जिले चवक्कड गांव की रहने वाली है। आप सोचेंगे कि मछुआरनें तो और भी हैं फिर रेखा में ऐसा खास क्या है ? रेखा समुद्र में इंटरनेश्नल बार्डर तक से मछली पकड़ती है। इसके लिए रेखा को भारत सरकार का लाइसेंस मिला है।
रेखा ने मजबूरी में इस पेशे को अपनाया था। २॰॰४ में जब सुनामी आई तो रेखा के परिवार को बहुत नुकसान हुआ। तब रेखा ने अपने पति के साथ मछली पकड़ने के इस काम को करने का निश्चय किया क्योंकि सुनामी की वजह से रेखा के पति को मजदूर नहीं मिल रहे थे। उस समय रेखा परिवार की खातिर पति के साथ इस काम को करने के लिए उठ खड़ी हुई।
घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ साथ रेखा यह काम कर रही है। समुद्र की लहरों से उसे डर नहीं लगता बल्कि समुद्र की ऊंची लहरें तो उसकी दोस्त हैं। आज समुद्र उसका एक और घर बन चुका है। मजबूरी में अपनाया गया पेशा आज शौक बन गया है।


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