ईद उल फितर का महत्व

Share:

दुनिया भर के मुसलमान रोजे के पवित्र इस्लामी महीनेे रमजान के महीने के समाप्ति पर सेंवई ईद मनाते हैं। इसे रोजेे को तोड़ने वाला त्यौहार भी कहते हैै। ईद की सही तारीख चांद दिखने पर निर्भर करती हैै। धार्मिक गुरूओें के अनुसार चन्द्र हिजरी महीनेे की शुरूआत नयेे चांद के दीदार के साथ ही होता है, ईद उल फितर भी शावल महीने का प्रथम दिन है इसीलिए विभिन्न प्र्रांतोें मे अलग अलग दिन पर ईद मनाया जाता है।

माना जाता है कि रमजान के महीने में पैगम्बर मोहम्मद को पवित्र कुरान का पहला संदेश मिला था। ईद उल फितर रमजान मंे रखे जाने वाले रोजे के अंत औैर शावल महीने के प्रारंभ कोे दर्शाता है। ईद उल फितर पर लोग महीनेे भर के रोजे में शक्ति और धीरज प्रदान करने के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।

मुस्लिम इस दिन नमाज अदा करते हैं, उसकेे बाद उपदेश सुुनते हैं। उस दिन मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं औैर बड़े छोटों को पैसे या तोहफे देते हैं जिसे ईदी कहते हैैं।


Share: