चैत्र नवरात्र का महत्व

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जयति भट्टाचार्य ।
देश के सभी भागों में चैत्र नवरात्र इस वर्ष 2022 में 2 अप्रैल से प्रारंभ होकर 11 अप्रैल को खत्म होगी। नवरात्र का त्यौहार साल में दो बार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र को वसन्त नवरात्र भी कहा जाता है क्योंकि यह वसन्त ऋतु के दौरान मार्च अप्रैल में ही मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं ताकि उनके जीवन में बुराई का अंत हो और खुशियों का आगमन हो।
चैत्र नवरात्र का पहला दिन हिंदू नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन से शुक्ल पक्ष प्रारंभ होता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और प्रत्येक दिन पूजा के रीति रिवाज बदलते रहते हैं।

देश के अलग अलग भागों में चैत्र नवरात्र को विभिन्न नामों से बुलाया जाता है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाते हैं। इस दिन को महाराष्ट्र में नया साल कहा जाता है। कश्मीर में चैत्र नवरात्र को नवरेह के नाम से जाना जाता है। चैत्र नवरात्र को किसी भी नाम से पुकारा जाए जोश, उल्लास और धूमधाम एक जैसा ही होता है।


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