यूरोपीय देश कैसे करता है याद अपने मृत पूर्वजों को

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यूरोपीय देशों में भी अपने मृत पूर्वज को सम्मान दिया जाता है। मृत पूर्वजों को याद करने का जो चलन है उसका कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं मिलता फिर भी लोग अपने तरीके से मृत पूर्वजों के प्रति साल में एक बार अपना आभार अवश्य प्रकट करते हैं। आईये देखते हैं कुछ यूरोपीय देशों की मृत पूर्वजों को सम्मान देने की प्रथा —

बेल्जियम : ऑल सोल्स डे पर यहां पब्लिक हॉलिडे नहीं होता है। लोग ऑल सेंट्स डे पर अपने मृत पूर्वजों की कब्र पर दिया जलाकर प्रार्थना करते हैं।

पुर्तगाल : सम्पूर्ण परिवार दो नवम्बर को अपने मृत रिश्तेदार के कब्र पर जाकर प्रार्थना करते हैं। वहीं शाम को बच्चे टोली में लोगों के घरों में जाते हैं जहाँ उन्हें केक और मिठाईयाँ मिलती हैं।

जर्मनी : जर्मनी में जमीन पर कोयले का पाऊडर छिड़ककर रेखा चित्र बनाया जाता है और मृत पूर्वजों के कब्रों को फूल मालाओं से सजाया जाता है। उसके बाद वहां पर सामुदायिक प्रार्थना की जाती है।

फ्रांस : यहां पर चर्च में रात में प्रार्थना के बाद लोगों को अपने मृत पूर्वजों के बारे में बात करना चाहिये। उसके बाद घर आकर परिवार के लोग खाने की टेबल पर नया सफेद टेबलक्लाथ बिछाते हैं और उस पर जूस, दही एवं अन्य सुस्वादु व्यंजन सजाते हैं। फिर पास के फ़ायरप्लेस में लकड़ी का एक बड़ा कुंदा जलाते हैं। इसके कुछ देर बाद वहां व्यवसायिक संगीतज्ञ आते हैं रात भर परिवार के लोगों को संगीत सुनाते हैं ताकि वह सो न जायें और संगीतज्ञ उन्हें उनके मृत पूर्वजों की ओर से आशीर्वाद देते हैं। बाद में सारा भोजन मुख्य संगीतज्ञ को दे दिया जाता है।


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