हाईप्रोफाइल मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के ज्वाइंट रजिस्ट्रार की पत्नी व पूर्व डीजीपी की बहन की मृत्यु

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सौरभ सिंह सोमवंशी ।
प्रयागराज
। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वर्तमान में ज्वाइंट रजिस्ट्रार हेम सिंह की पत्नी और पूर्व में दिसंबर 2019 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पद पर रह चुकी विजयलक्ष्मी बनर्जी का निधन 9 अक्टूबर दिन शुक्रवार को प्रयागराज के फिनिक्स अस्पताल में हो गया। हेम सिंह ने बताया कि हालांकि वो मुझसे अलग रहती थी परन्तु उनकी मौत का समय ,और मौत के बाद हमको एक घंटे बाद सूचित करना और हमारे पहुंचने पर लाश का का कहीं कोई अता पता न होना काफी बड़े प्रश्न खड़ा करता है और संदेह पैदा करता है।
हेम सिंह को सुबह 9 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके बताया कि आपकी पत्नी की मृत्यु हो गई है और वो आनन फानन में फिनिक्स अस्पताल पहुंचे, जहां उनको बताया गया कि उनको अंतिम संस्कार हेतु दारागंज घाट पर ले जाया गया है जब हेम सिंह अपने 2 सुरक्षाकर्मियों और दो पत्रकारों के साथ दारागंज घाट पर पहुंचे तो किसी का कोई पता नहीं था इसके बाद वह दारागंज में ही विद्युत शवदाहगृह पहुंचे वहां पर भी कोई नहीं था तब वह तेलियरगंज के रसूलाबाद घाट और वहां के विद्युत शवदाह गृह में भी जाते हैं परंतु किसी का कोई अता पता नहीं था,तब हेम सिंह की आशंकाओं को और बल मिला हलांकि हेम सिंह ने इसकी शिकायत दर्ज करा दी है।

क्या है मामला : वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पद पर तैनात हेम सिंह के अनुसार उनका प्रेम विवाह 1 अप्रैल 1993 को उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक आनंदलाल बनर्जी की बहन विजय लक्ष्मी बनर्जी के साथ हुआ था हेम सिंह पिछड़ा वर्ग से संबंधित है और आनंद लाल बनर्जी की बहन सवर्ण समाज की थी । इसी कारण से हेम सिंह से आनंद लाल बनर्जी नफरत करते थे,न केवल हेम सिंह से नफ़रत करते थे बल्कि हेम सिंह और विजय लक्ष्मी बनर्जी की इकलौती बेटी पर बुरी नजर भी रखते थे, हेम सिंह ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी आनंद लाल बनर्जी ने वर्ष 2010 में अपनी ही भांजी और हेम सिंह की इकलौती संतान रुक्मिणी के साथ रानीखेत में छेड़छाड़ व बलात्कार किया, जिसका परिणाम हुआ कि डिप्रेशन में आकर उसने आत्महत्या कर ली और उसी दौरान प्रयागराज में ही तैनात आनंद लाल बनर्जी ने उसका रातों रात पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार करवा दिया , इसके अलावा हेम सिंह का उत्पीडन जारी रहा। हेम सिंह का आरोप है कि आनंद लाल बनर्जी के इशारे पर कई बार हेम सिंह की हत्या का प्रयास किया गया इसके अलावा उनके ऊपर तमाम तरह के आरोप लगाए गए। बकौल हेम सिंह उन्होंने सूचना के अधिकार से तमाम सारे दस्तावेज जुटाए हैं जो आनंद लाल बनर्जी को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त है परंतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल ,भारत के राष्ट्रपति, भारत उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसी संस्थाओं से जारी होने वाले आदेशों को पूर्व में उत्तर प्रदेश के डीजीपी रह चुके उनके साले आनंद लाल बनर्जी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ने दबवा दिया व कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी की शिकायत हेम सिंह ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से की थी, जिस पर पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा स्पष्ट रुप से 6 अक्टूबर को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर लोकेश कुमार प्रजापति सहित 6सदस्यों ने इस मामले की सुनवाई जिसमें उत्तर प्रदेश के गृह सचिव, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के अलावा प्रयागराज के जिला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से और प्रतिनिधियों के माध्यम से उपस्थित थे और अब विजय लक्ष्मी बनर्जी की मौत के बाद अहम जानकारी छुटती हुई नजर आ रही है। इस कारण से हेम सिंह को इस मामले में साजिश नजर आ रही है।


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