दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन को लेकर उच्च न्यायालय ने सरकारी पक्ष से मांग जवाब

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जयति भट्टाचार्य।

प्रयागराज। दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन, काली सड़क रामघाट गंगा के किनारे कृत्रिम तालाब में कराये जाने के पूर्व में पारित माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर श्री पी के राय एवं श्री योगेन्द्र पांडेय द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर आज न्याय मूर्ति पीयूष अग्रवाल की बेंच में अधिवक्ता श्री विजय चंद्र श्रीवास्तव एवं अधिवक्ता सुनीता शर्मा ने बहस किया।

श्री श्रीवास्तव ने माननीय उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि 2014, 2015 में माननीय मुख्य न्यायमूर्ति डॉ डी वाई चंद्रचूड एवं न्याय मूर्ति यशवंत वरमा ने मूर्ति विसर्जन गंगा के किनारे कृत्रिम तालाब बनवाकर स्वच्छ एवं पर्याप्त जल केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार कराये जाने का आदेश दिया। तदानुसार लगभग चार साल गंगा के किनारे मूर्ति विसर्जन हुआ लेकिन 2019 में प्रशासन ने अदांवा गांव में कराया बाढ़ से प्रभावित होने के कारण इस वर्ष भी मूर्ति विसर्जन अदावा गांव में कराया जा रहा मा उच्च न्यायालय के आदेश एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश का उलंघन हो रहा है जबकि 2020 कि गाइड लाइन में अवमानना याचिका प्रदेश के मुख्य सचिव, जिला अधिकारी, ए डी एम सिटी के खिलाफ दाखिल किया गया।

प्रति पक्षी गणों ने बहस के उपरांत काउंटर का समय मांगा, माननीय उच्च न्यायालय ने विपक्षी गणों को दो सप्ताह का समय रिजवाइनडर दिया अवमानना याचिका पर 17 नवंबर को अन्तिम बहस होगी। यह जानकारी अधिवक्ता श्री विजय चंद्र श्रीवास्तव एवं सुश्री सुनीता शर्मा ने प्रेस को दिया।


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