हेम सिंह व पूर्व डीजीपी ए एल बनर्जी प्रकरण के सीबीआई जांच की संस्तुति

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सौरभ सिंह सोमवंशी
प्रयागराज

इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जॉइंट रजिस्ट्रार के पद पर तैनात हेम सिंह और उनके साले उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी आनंद लाल बनर्जी के मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने गृह मंत्री से की है आयोग के उपाध्यक्ष डॉ लोकेश कुमार प्रजापति ने 29 दिसंबर को जारी पत्र में स्पष्ट रूप से गृह मंत्री से मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई से कराने की संस्तुति की है। पत्र में लिखा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के ज्वाइंट रजिस्ट्रार हेम सिंह के अधिकारों का हनन और उत्पीड़न हुआ है ऐसा प्रतीत होता है, क्यों कि मामले में अभी तक की गई एक पक्षीय कार्यवाही और हेम सिंह को और उनके द्वारा दिए गए साक्ष्यों को जांच में शामिल ना करना प्रथम दृष्टया निष्पक्ष जांच ना होना प्रतीत होना, इसका कारण पूर्व डीजीपी पद का प्रभाव है अतः मामले की सीबीआई जांच हो, ताकि मामले में पुलिसिया हस्तक्षेप ना हो पाए ऐसा संस्तुति की गई है पिछले दिनों 6 अगस्त को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तलब भी किया था।


राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग एक संवैधानिक संस्था है,उसको है सिविल कोर्ट का अधिकार

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के अलावा नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान संशोधन करके संविधान में एक नया अनुच्छेद 338बी जोड़ा है.जिसके धारा 8के तहत आयोग को अब सिविल कोर्ट के अधिकार प्राप्त होंगे और वह देश भर से किसी भी व्यक्ति को सम्मन कर सकता है और उसे शपथ के तहत बयान देने को कह सकता है. उसे अब पिछड़ी जातियों की स्थिति का अध्ययन करने और उनकी स्थिति सुधारने के बारे में सुझाव देने तथा उनके अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की सुनवाई करने का भी अधिकार होगा।. अब इस आयोग को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग या राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के बराबर का दर्जा मिल गया है।


क्या है मामला


इलाहाबाद हाईकोर्ट के ज्वाइंट रजिस्ट्रार हेम सिंह पुत्र शिवबालक सिंह जो प्रीतम नगर के रहने वाले हैं, उनके ऊपर उन्हीं के साले पूर्व डीजीपी आनंद लाल बनर्जी बनर्जी द्वारा पुलिसिया उत्पीड़न की मजिस्ट्रेट स्तर पर जांच चल रही थी। हेम सिंह ने बताया कि पूर्व डीजीपी आनंदलाल बनर्जी की सगी बहन विजयलक्ष्मी बनर्जी जो हेम सिंह के समकक्ष पद पर हाईकोर्ट में ही तैनात थी उनके साथ उनका अंतर्जातीय प्रेम विवाह हुआ था । मामला अंतर्जातीय था जिसे पूर्व डीजीपी आनंदलाल बनर्जी पसंद नहीं करते थे पूर्व डीजीपी आनंदलाल बनर्जी ने हेम सिंह को परेशान करना शुरू कर दिया हेम सिंह के ऊपर जानलेवा हमला करवाया गया ,जहर देकर उनकी संपत्ति हड़पने हेतु हत्या का प्रयास किया गया, हेम सिंह ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी के साथ आनंद लाल बनर्जी ने रानीखेत में बलात्कार करके आत्महत्या के लिए मजबूर किया। इन सबकी शिकायत उन्होंने कई जगह की परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई ।थक हार कर भारत के राष्ट्रपति ,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ,राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसे तमाम संवैधानिक संस्थाओं में शिकायत करने पर वहां से आदेश किए गए उन्होंने कहा कि कुल 30 की संख्या में संवैधानिक आदेश हुए परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । जब कि मानव अधिकार आयोग ने भी समस्त मामले को गंभीर मान अनेकों आदेश जांच हेतु उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह को दिए थे ।उन्होंने बताया कि समस्त मामले को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई की जिसमें 24 जनवरी 2020 को तारीख थी जिसके ठीक 4 दिन पहले 20 जनवरी को एक महिला के द्वारा हेम सिंह के ऊपर दबाव बनाने हेतु फर्जी तरीके से बलात्कार का आरोप लगाया गया। हेम सिंह ने इसके पीछे उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और अपने साले आनंद लाल बनर्जी की साजिश बताया, हेम सिंह के अनुसार उनको शादी के 25 साल बाद उनकी पत्नी जो उनसे उम्र में 9 साल बड़ी थी, उनको दहेज के लिए मजबूर करने का आरोप लगाकर फर्जी फंसाया गया और 80 लाख रुपए वसूल लिये गये । हेम सिंह उस मामले के बाद कर्जदार हो गए और उनके मूल वेतन का आधा से कम वेतन भी उनको मिल रहा है
इसके अलावा हेम सिंह की प्रॉपर्टी को हड़पने के लिए हेम सिंह को जहर भी दिया गया, जब जहर दिये जाने के मामले की फोरेंसिक जांच के लिए 8 अप्रैल 2016 को आदेश हुआ तब प्रक्रिया प्रारंभ होने के पहले ही 10 अप्रैल 2016 को हेम सिंह की पत्नी का अपहरण करवा कर हेम सिंह को धमकियां दी गई तथा हेम सिंह के विरुद्ध लगभग 10 किलोग्राम एप्लीकेशन डाली गई परंतु बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने विजलेंस जांच में पाया कि सारे प्रार्थना पत्र फर्जी थे और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सभी जांच को निरस्त कर हेम सिंह को निर्दोष घोषित किया। इस मामले में भी आनंद लाल बनर्जी ने हाईकोर्ट में झूठी गवाही दिया था तथा अपने आप को फंसता हुआ देख बहन विजयलक्ष्मी बनर्जी से हेम सिंह के विरुद्ध झूठे आरोप लगवाए हेम सिंह के घर में 13 मई 2016 को इंस्पेक्टर गोरखनाथ सिंह तथा पुलिस व अराजक तत्वों के द्वारा लूटपाट की गई जिसकी सीसीटीवी फुटेज हेम सिंह ने जांच में दिया है, इसके अलावा हेम सिंह के अनुसार उनके ऊपर कई बार जानलेवा हमले भी हुए, हेम सिंह की पत्नी की हत्या कर लाश गायब कर दिया गया है, इसके अलावा सम्पूर्ण प्रकरण में ब्लैकमेलर गिरोह भी शामिल है जिसकी सूचना समय-समय पर उन्होंने उच्चाधिकारियों को दिया उसकी जांच के लिए तमाम संवैधानिक संस्थाओं से लगभग 30 आदेश भी हुए परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई,अब सीबीआई जांच की संस्तुति होने से सच्चाई सामने आ सकती है।


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