ग्रामीण परिवेश चाहत की उड़ान में बाधा नहीं बनती

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जयति भटाचार्य ।
अभिभावकों को हमेशा याद रखना चाहिए कि उनके बच्चे क्या चाहते हैं। अपनी इच्छा बच्चे पर थोपने से पहले जानने का प्रयास करें कि बच्चा क्या चाहता है। पिता का कहना कि मैं इंजीनियर बनना चाहता था लेकिन परिवार की खातिर मैं अपना सपना पूरा नहीं कर पाया। मां भी कुछ ऐसा ही कहती है और बलि चढ़ते हैं बेटा बेटी। मां बाप को हमेशा अपने बच्चों के सपनों को पंख देना चाहिए और ऐसा ही किया गुंजन के माता पिता ने।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापंर की गुंजन विश्वकर्मा ने मिसेज इंडिया का खिताब जीता है। ग्रामीण परिवेश में पली गंुजन ने गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित फैशन शो प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर मिसेज इंडिया बनने का गौरव प्राप्त किया। चुनार तहसील के गौरा गांव के रहने वाले पिता जयप्रकाश और मां नीलम विश्वकर्मा की बड़ी बेटी गुंजन की वजह से गांव में खुशी की लहर छा गई है।
ग्ुंाजन के पिता एंबिशन आॅफ टेक्नोलाॅजी में लैब टेक्निशियन के पद पर काम करते हैं और मां गृहिणी हैं। बचपन से ही गुंजन का मन फैशन क्षेत्र में ही लगता था और हमने उसका साथ दिया, ऐसा उसकी मां का कहना है। गुंजन ने इंटर तक की पढ़ाई गांव के स्कूल में की। आगे की शिक्षा वाराणसी के बीएचयू से किया और फिर फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा भी किसा। गुंजन का विवाह २0१९ में हो चुका है। गुंजन ने इस सोच को गलत साबित किया कि शहरों में पलने वाले ही अपने सपनों को पंख देने में सक्षम हैं।


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