गोगोई का राज्यसभा सदस्य शपथ ग्रहण रोका जाए, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
समाजसेवी मधु किश्वर ने यह याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है कि रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य नामित करने से न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा कम हो रहा है। ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी सवाल खड़े कर रहा है। इसलिए पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य के रुप में नियुक्त करने से रोकने का आदेश दिया जाए।
याचिका में कहा गया है कि गोगोई ने अपने एक फैसले में खुद कहा था कि रिटायरमेंट के बाद जजों की नियुक्ति न्यायिक स्वतंत्रता पर धब्बा है। इसलिए उनकी नियुक्ति से भारत विरोधी ताकतों को बल मिलेगा और वे सुप्रीम कोर्ट को भी बदनाम करेंगे। याचिका में पूर्व में रिटायर्ड जजों को राज्यसभा में नियुक्त करने के फैसले की चर्चा की गई है और कहा गया है कि इससे न्यायपालिका के बारे में आम लोगों के बीच बुरा संदेश गया था। जस्टिस बहरुल इस्लाम जनवरी 1983 में रिटायर हुए थे और इंदिरा गांधी की सरकार ने उन्हें जून 1983 में राज्यसभा के सदस्य के रुप में नामित किया था। उस समय न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठे थे और अभी भी जस्टिस गोगोई की नियुक्ति से भी वही सवाल उठ रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 50 कहती है कि राज्य न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने के लिए कदम उठाएगी। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से रिटायर्ड जजों की नियुक्ति के लिए लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट 2013 के दिशानिर्देशों का पालन होना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत