G20 और एसएफडी मिलकर 23 जनवरी को करेंगे ‘सृष्टि मंथन’ पर्यावरण सम्मेलन

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सुधीर।

विकासार्थ विद्यार्थी तथा G20 के तत्वाधान में ‘ सृष्टि मंथन ‘ नामक पर्यावरण सम्मेलन दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम महाविद्यालय में होगा आयोजित।

डीयू में छात्रों के मध्य प्रकृति संरक्षण विषय पर चर्चा परिचर्चा और जागरूकता का होगा संचार।

विद्वानों के मध्य जोशीमठ की आपदा एवं संबंधित नीतियों पर गंभीर चर्चा का होगा आयोजन।

नई दिल्ली – विकासार्थ विद्यार्थी (एसएफडी/ स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट) तथा G20 के तत्त्वाधान में पर्यावरण से संबंधित महत्त्वपूर्ण विषयों पर ‘ सृष्टि मंथन’ नामक पर्यावरण सम्मेलन 23 जनवरी को दिल्ली विश्विद्यालय के ‘ दौलत राम कॉलेज’ में आयोजित होगा। इस सम्मेलन में दिल्ली के अलग अलग विश्वविद्यालयों से छात्र- छात्राएं प्रतिभाग करेंगे । सम्मेलन से पूर्व दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेज में प्रिंसिपल के साथ पोस्टर विमोचन किया गया। साथ ही जेएनयू, जामिया आदि विश्वविद्यालय में भी पोस्टर का विमोचन किया गया।

सम्मेलन का पहला सत्र विकासार्थ विद्यार्थी पर केन्द्रित होगा जिसमें विकासार्थ विद्यार्थी के पूर्ववर्ती कार्य एवं आगामी योजनाओं पर चर्चा होगी। सम्मेलन का दूसरा सत्र G20 पर आधारित होगा जिसमें सरकार की पर्यावरण संबंधित नीतियों पर चर्चा होगी ताकि भविष्य में G20 के मंच पर इन नीतियों पर चर्चा हो सके। तीसरा सत्र जोशीमठ पर केन्द्रित होगा जिसमें जोशीमठ में घट रही आपदीय घटनाओं के कारणों तथा प्रकृति संरक्षण पर चर्चा होगी तथा चौथा सत्र पर्यावरण संबंधित महत्त्वपूर्ण विषय पर केन्द्रित होगा।

सम्मेलन का प्रमुख विषय प्रकृति संरक्षण तथा प्रकृति संरक्षण में भारत की भुमिका होगी जिसमें पर्यावरणविद, नीति निर्माता तथा शिक्षाविद उपस्थित छात्रों के साथ सहभाग करके छात्रों के साथ पर्यावरण सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण विषयों पर सामूहिक चर्चा करेंगें। विकासार्थ विद्यार्थी ने इस संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों और जेएनयू में पोस्टर विमोचन भी किया है।

एसएफडी दिल्ली प्रांत के संयोजक अमन यादव ने बताया, ” एक स्वास्थ्य पर्यावरण, स्वस्थ्य जीवन का आधार है। पर्यावरण की देखभाल और संरक्षण युवाओं की प्राथमिकता बने इसके लिए विकासार्थ विद्यार्थी वर्षों से अपने कार्यों से प्रयास रत है। जी20 टीम के साथ मिलकर सृष्टि मंथन कार्यक्रम के माध्यम से हम जोशीमठ जैसे अतिमहत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण के विषयों पर जागरूकता और संबंधित नीतियों पर चर्चा परिचर्चा आयोजित करेंगे। इस विषय में मार्गदर्शन हेतु हमें कुछ विशिष्ठ विद्वानों का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा।”


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