राफेल के खरीद में अनियमताओ को बताया फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (एएफए) ने

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फ्रांसीसी पोर्टल की एक खबर के मुताबिक, फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (एएफए) ने खुलासा किया है कि 2016 में इस विमान सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद राफेल की निर्माता कंपनी दसां ने एक भारतीय बिचौलिया इकाई-डेफसिस सॉल्यूसंस को 11 लाख यूरो का कथित तौर पर भुगतान किया था।

कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर हमला करते हुए सवाल किया, ‘‘क्या इस मामले की पूरी और स्वतंत्र जांच कराने की जरूरत नहीं है? अगर घूस दी गई है तो यह पता लगना चाहिए कि भारत सरकार में किसे पैसा दिया गया.’’ कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब देश को जवाब देंगे?’’

बीजेपी की ओर से कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और कैग की रिपोर्ट के बाद इसकी आवश्यकता नहीं है।

सवाल यह उठता है कि फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के वर्तमान खुलासे के बाद क्या इस मामले की नए सिरे से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच क्या होगी ?

एक वरिष्ठ कांग्रेसी का कहना है की देश में भ्रष्टाचार तभी दूर हो सकता है जब सर्वोच्च स्तरो पर ईमानदारी से निष्पक्ष कार्यवाही हो।


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