भारत में पहली बार नेशनल हाइवे पर उतरे लड़ाकू विमान

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डॉक्टर अजय ओझा ।

नई दिल्ली, 9 सितंबर। बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा पर बनी देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप पर हरक्यूलिस ने लैंडिंग की। हरक्यूलिस ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर उड़ान भरी थी। सबसे पहले सुखोई का ट्रायल हुआ। इसके बाद अब दूसरे फाइटर प्लेन जगुआर का भी ट्रायल किया गया जो सफल रहा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अब तक आपने सड़क पर गाड़ी, बैलगाड़ी या कार चलते देखा होगा, लेकिन पहली बार किसी हाईवे पर हवाई जहाज को देखेंगे। अब सड़कों पर हवाई जहाज और फाइटर प्लेन भी उतरेंगे। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी लैंडिंग फिल्ड सुरक्षा के प्रति कॉन्फिंडेंस देता है। इंटरनेशल बॉर्डर के पास इस तरह की एयर स्ट्रिप तैयार कर यह संदेश दे दिया है कि भारत किसी भी तरह की चुनौती स्वीकार करने को तैयार है।
राजनाथ सिंह ने एयरफोर्स अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध के साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी यह एयर स्ट्रिप काम आएगी। अब तक भारत दूसरे देशों से हथियार और अन्य सामग्री इंपोर्ट करता था, लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि डेढ़ दशक में भारत एक्सपोर्टिंग कंट्री के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। कार्यक्रम में उन्होंने सुखोई और जगुआर कैप्टन को बधाई भी दी।

कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि यह देश की सबसे बेहतर एयर स्ट्रिप है। उन्होंने आस-पास एयरपोर्ट की कमी को देखते हुए बोले कि 350 केएम की रेंज में एयरपोर्ट बनाया जाएगा। मंच से उन्होंने एयरफोर्स अधिकारियों को इसका प्रोजेक्ट बनाने की बात कहीं। साथ ही बताया कि इसे एयरफोर्स के साथ ही सिविल उपयोग में लिया जाएगा। उन्होंने दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाइवे प्रोजेक्ट लाने की भी बात कही।

इस एमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के अलावा एयरफोर्स और इंडियन फोर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100X30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाए गए हैं। इस निर्माण से इंडियन फोर्स और देश की पश्चिमी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।


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