दहेज लौटाकर ससुर ने पेश की मिसाल
जयति भटाचार्य ।
दहेज प्रथा के विरोध में एक ससुर ने ११ लाख रुपये लौटाकर भारतीय समाज में एक बहुत बड़ी मिसाल पेश की है। ऐसा करने वाले व्यक्ति हैं करवर के खजूरी पंचायत के पीपरवाला गांव के अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य बृजमोहन मीणा।
२३ फरवरी २0२१ को बृजमोहन मीणा के पुत्र रामधन मीणा की सगाई राजस्थान के टोंक जिले उनियारा तहसील के मंडवारा ग्राम पंचायत के सोलतपुरा गांव में आरती मीणा के साथ थी। सगाई के लिए वर पक्ष वहां पहुंचे ंथे। परंपरा के अनुसार सगाई के दौरान वधु पक्ष वर पक्ष को दहेज देती है। यहां भी लड़की वालों ने वर पक्ष को ११ लाख १0१ रुपये और गीता जी दी। बृजमोहन मीणा ने वधु पक्ष को ११ लाख रुपये वापस कर दिए और १0१ रुपये और गीता जी रख लिया।
बृजमोहन मीणा से भारतीय समाज को सीख लेनी चाहिए। सभी लोग नहीं परंतु बहुतों का मानना है कि दहेज तो विवाह का अभिन्न अंग है। बेटे की पढ़ाई लिखाई पर जितना खर्च किया वह दहेज के रुप में हासिल कर लिया जाए। बहुत लोग तो बेटे पर बचपन से खर्च किए रकम का हिसाब रखते हैं और विवाह के समय वधु पक्ष से दहेज के रुप में मांग लेते हैं। दहेज के मामले में अक्सर सुनने में आता है कि अमुक के बेटे को इतना दहेज मिला है तो मेरे बेटे को उससे अधिक मिलना चाहिए आखिर मेरा बेटा उससे कहीं ज्यादा लायक भी तो है। क्या ऐसी सोच ठीक है ? क्या यह समाज बृजमोहन मीणा जैसी सोच नहीं रख सकता और दहेज रुपी राक्षस को हमेशा के लिए खत्म नहीं कर सकता। हो सकता है कि यह राक्षस आपकी बेटी को भी निगल ले।