हिंदी एवं उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार जनाब कलीम उर्फी का देहांत़़
जनाब कलीम उर्फी साहब हिंदी एवं उर्दू भाषा में ढाई सौ से अधिक नाटॖय एवं कुरीतियों व समस्याओं पर आधारित 80 से अधिक कहानियां एवं 100 से अधिक लघु कथाएं लिखने वाले देश के प्रसिद्ध साहित्य कर्मी कलीम उर्फी का आज देहांत हो गया है केंद्र सरकार व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश बिहार सरकार द्वारा सम्मानित श्री उर्फी को को आज कालाडेरा में सुपुर्द ए खाक किया जाएगा यह जानकारी प्रदेश के प्रवक्ता उनके पुत्र जावेद उर्फी द्वारा दी गई जावेदउर्फी ने बताया कि उनके पिता हिंदी व उर्दू के प्रसिद्ध साहित्य कर्मी रहे थे और फिल्म जगत के राज कपूर गुरुदत्त मनोज कुमार जैसे पिक्चर व्यक्तियों के साथ भी लेखन का कार्य कर चुके थे, कलीम उर्फी के पिता यानी जावेद उर्फी के दादा मोहम्मद मौलाना मोहम्मद अली जौहर के साथ खिलाफत अभियान में उनके साथ तथा नेहरू परिवार से उनका खनक संबंध रहा था।
प्रयागराज : उर्दू के नामचीन साहित्यकार कलीम उर्फी का निधन। उर्दू अदब में इनकी लिखी हुई 100 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हुई है। लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। आज दोपहर 12:30 बजे घर पर ही ली अंतिम सांस। स्वर्गीय कलीम उर्फ़ी को आज रात 8:00 बजे करैली के काला डांडा कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। यह जानकारी उनके बेटे और कांग्रेस नेता जावेद उर्फी ने दी। स्वर्गीय कलीम उर्फी अटाला में एम आई सी कॉलेज के पास रहते थे। उनके बेटे जावेद उर्फी का नंबर 09415284799 है।