इलेक्ट्राॅनिक गैजेटों का कम उपयोग बचाए मेल इन्फर्टिलिटी से

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जिस तरह एक नारी शादी के बाद मां बनना चाहती है, ठीक उसी तरह एक पुरूष भी शादी के बाद पिता बनना चाहता है। परंतु आज की जीवन शैली पहले की तुलना में बिल्कुल बदल गई है। इस बदले हुए जीवन शैली के कारण पुरूषों की यह इच्छा पूरी होने में कुछ बाधा आ सकती है। अब सोशल मीडिया जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। बहुत सारे पुरूष देर रात तक लैपटाॅप और स्मार्ट फोन यूज करते हैं और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। यह आजकल बहुत आम बात है लेकिन एक स्टडी के बाद पता चला है कि देर रात तक पुरूष लैपटाॅप, स्मार्ट फोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स यूज करने से उनके सेक्स लाईफ पर इसका बुरा असर पड़ता है और उन्हें पिता बनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अमेरिका की वर्चुअल स्लीप मैगजीन के अनुसार पुरूषों की इस बुरी आदत से उनकी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। रात को जब पुरूष लैपटाॅॅप या स्मार्ट फोन का प्रयोग करते हैं तो उसमें से निकलने वाली ब्लू लाइट से पुरूषों का स्पर्म काउंट प्रभावित होता है और उसकी क्वालिटी खराब हो जाती है। स्टडी में 21 से 59 की उम्र के 116 लोगों के स्पर्म की जांच की गई तो पाया गया कि सभी लोग फर्टिलिटी इवैल्यूएशन से गुजर रहे थे।
उनके जीवन शैली के बारे में उनसे कई सवाल किए गए। उनके जवाबों से शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि लैपटाॅॅप और स्मार्ट फोन से निकलने वाले ब्लू लाइट और स्पर्म क्वालिटी के बीच में संबंध है। देर रात तक इन उपकरणों के प्रयोग से पुरूषों की स्पर्म क्वालिटी खराब हो जाती है जिससे उनके पिता बनने में अड़चन आ सकती है। स्टडी के अनुसार इन उपकरणों से निकलने वाले रेडिएशन से डीएनए को क्षति पहुंचती है और कोषिकाएं ठीक होने की क्षमता धीरे धीरे खो देती हंै। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 23 प्रतिशत पुरूष मेल इन्फर्टिलिटी की समस्या से गुजर रहे हैं।
यदि पुरूष इस समस्या से बचना चाहते हैं तो देर रात तक सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की आदत को छोड़ दें। इसके प्रमाण भी मिले कि जो पुरूष देर रात तक इलेक्टाªªॅनिक गैजेटों का उपयोग कम करते हैं और समय पर सो जाते हैं उनकी स्पर्म क्वालिटी बेहतर होती है।


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