ई- फाइलिंग व वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बार एसोसिएशन की आपत्ति

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प्रयागराज। लॉक डाउन के दौरान मुकदमों की ई-फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सहमत हो गया है। सोमवार को इस संबंध में बार के प्रतिनिधि मंडल ने जजों की समिति से विस्तृत वार्ता की। प्रतिनिधिमंडल में निवर्तमान अध्यक्ष राकेश पांडे, नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, निवर्तमान महासचिव जेबी सिंह और नवनिर्वाचित महासचिव प्रभा शंकर मिश्र शामिल थे। महासचिव जेबी सिंह ने बताया कि जजों की कमेटी के सामने वकीलों को आ रही परेशानियां रखी गई। उनसे कहा गया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग की तकनीक अभी काफी नई है और अधिवक्ता इसके अभ्यस्त नहीं हैं। ऐसे में गड़बड़ी होने की संभावना है। इस स्थिति में यदि कोई अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस नहीं कर पाता है तो उसे दोबारा अवसर दिया जाना चाहिए तथा “नो एडवर्स ऑर्डर” का नियम बनाए रखने की जरूरत है। इसी प्रकार से शपथ पत्र और वकालतनामा की अनिवार्यता खत्म करने पर भी जजों का रुख सकारात्मक रहा है। हालांकि ई स्टम्पिंग पर अभी कोई हल नहीं निकला है लेकिन उम्मीद है कि इसका भी कोई रास्ता जल्द ही निकल आएगा।

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नए निर्देश शीघ्र ही जारी होंगे : हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ई फाइलिंग और विडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई को लेकर कई प्रकार की आपत्ति जताते हुए मुख्य न्यायमूर्ति को पत्र लिखा था इस पर संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने आज बार के प्रतिनिधियों को वार्ता हेतु बुलाया था। वकीलों का कहना था कि ई – फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई में कई प्रकार की व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं। जिनका निदान करना जरूरी है। बार पदाधिकारियो को उम्मीद है की वार्ता के बाद हाईकोर्ट की ओर से शीघ्र ही नए निर्देश जारी किए जाएंगे।


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