गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर में बिजली गिरी

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डॉक्टर अजय ओझा।

अहमदाबाद : गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर में मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरी, लेकिन इसे ईश्वरीय करिश्मा ही कहिए कि जान-माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ। श्रद्धालुओं ने इसे चमत्कार करार देते हुए कहा, जब प्रभु द्वारका में विराजमान हैं, तो काल भी भक्तों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

द्वारकाधीश नाम का मतलब है, द्वारका के राजा यानी भगवान श्री कृष्ण। दरअसल, भक्तों की आंखों के सामने मंगलवार को जो हुआ, उसी चमत्कार को अब सब नमस्कार कर रहे हैं। जब बिजली गिरी तो अंदर पूजा पाठ चल रहा था।
भीषण बारिश के दौरान द्वारका मंदिर के परिसर में बिजली गिरी, उस वक्त जब भक्त मौजूद थे, पूजा पाठ चल रहा था। मंदिर में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि बारिश हो रही थी, तभी ध्वजा पर बिजली गिरी, ध्वजाजी को थोड़ा नुकसान हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसके बाद प्रशासन के लोग आये द्वारिकाधीश में जब बिजली गिरी तो अंदर पूजा पाठ चल रहा था। इस दौरान मंदिर में मौजूद एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि मंदिर पर बिजली गिरी, लेकिन कुछ नहीं हुआ, हम डर गये थे।
द्वारकाधीश ही भक्तों के रक्षक बनकर खड़े हो गये।
चश्मदीदों के अनुसार द्वारकाधीश ही भक्तों के रक्षक बनकर खड़े हो गये। मंदिर पर बिजली गिरी लेकिन किसी का बाल भी बाका नहीं हुआ, यहां तक मंदिर को भी किसी तरह का कोई नुक़सान नहीं हुआ, सिर्फ मंदिर के शिखर पर लहरा रही ध्वजा फट गयी। जैसे ध्वजा पर बिजली गिरी, लोग बेचैन हो गये। उनको अपने से ज्यादा ध्वजा के फिर से फहराने का ख्याल था। मंदिर में मौजूद चश्मदीद ने कहा, ”हम सोच भी नहीं सकते थे कि इतनी बारिश होगी, ध्वजा कैसे चढ़ाई जायेगी, तीन बजे बिजली गिरी, इसके बाद चमत्कार हुआ है और 3.30 बजे के बार बारिश भी बंद हो गयी, इसके बाद फिर से ध्वजा चढ़ाई गयी और द्वारकाधीश ने ध्वजा स्वीकार कर ली।
द्वारकाधीश मंदिर के ऊपर लगे झंडे का भी खास महत्व है
द्वारकाधीश मंदिर के ऊपर लगे झंडे का भी खास महत्व है इसे 52 गज ध्वजा कहा जाता है। यह भारत का अकेला ऐसा मंदिर है, जहां दिन में 3 बार 52 गज की ध्वजा चढ़ाई जाती है।झंडे पर बिजली गिरने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। मंदिर के आस-पास घनी बस्ती है। ऐसे में अगर रिहायशी इलाके में बिजली गिरती तो बड़ा नुकसान हो सकता था।
गृहमंत्री अमित शाह ने की अधिकारियों से बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिजली गिरने की घटना के बाद द्वारका जिला प्रशासन के अधिकारियों से फोन पर बात की। गांधीनगर में शाह के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार बिजली गिरने से मंदिर की इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। घटना में कोई घायल नहीं हुआ है।
2200 साल पुराना है द्वारकाधीश मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर लगभग 2200 साल पुराना है, जिसका निर्माण वज्रनाभ ने किया था। इसके परिसर में भगवान कृष्ण के साथ-साथ सुभद्रा, बलराम, रेवती, वासुदेव, रुक्मिणी समेत कई देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं। जन्माष्टमी पर मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव को देखने लाखों लोग पहुंचते हैं।


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