शुआट्स शोध छात्रा को मिला यंग बायोकेमिस्ट अवार्ड – मधुमेह में फॉक्सटेल बाजरा को हर्बल औषधि के रूप में प्रयोग कर सकते हैं
नैनी, प्रयागराज। शुआट्स की शोध छात्रा को अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में यंग साइंटिस्ट अवार्ड और बेस्ट ओरल प्रजेन्टेशन अवार्ड प्रदान किया गया। शोभित डीम्ड यूनिवर्सिटी मेरठ में कोरोना महामारी के दौरान स्मार्ट एग्रीकल्चर हेतु प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में वैश्विक दृष्टिकोण पर एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।छात्रा सुश्री दिव्या सिंह, प्रो0 कपिल लॉरेंस वं डा0 सुरेश बी.जी. की देखरेख में शोध कार्य कर रही हैं। उन्होंने अन्तर्राष्टीय सम्मेलन में एंटीडायबिटिक गतिविधि का एक व्याख्यान दिया। अपनी प्रस्तुति में उन्होंने फॉक्सटेल बाजरा के पोषण संबंधी लाभों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी, जो कि सबसे महत्वपूर्ण एंटीडायबिटिक प्रभाव है। हर साल लगभग ढाई प्रतिशत लोगों को मधुमेह का पता चलता है। एलोपैथी में इसका इलाज आसानी से उपलब्ध है, जो अल्पावधि लाभ देता है लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी अक्सर देखने को मिलते हैं। अपने शोध और सर्वेक्षण की रिपोर्ट में दिव्या ने बताया कि नियमित व्यायाम, योग और उचित सावधानी के साथ मधुमेह के उपचार के लिए हर्बल दवा के रूप में फॉक्सटेल बाजरा का उपयोग किया जा सकता है। दिव्या की प्रस्तुति को आयोजन समिति, प्रतिनिधियों और अधिकारियों से सराहना मिली। उन्हें बेस्ट बायोकेमिस्ट अवार्ड और बेस्ट ओरल प्रजेन्टेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। दिव्या ने अपनी उपलब्धि के लिए निदेशक शोध व निदेशक बीज प्रक्षेत्र डा. शैलेष मारकर के मार्गनिर्देशन के लिए विशेष धन्यवाद दिया।