डीजीपी ए एल बनर्जी की बहन अपने हत्यारों को जान गई थी।

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पिछले दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वर्तमान समय में संयुक्त निबंधक के पद पर तैनात हेम सिंह की पत्नी श्रीमती विजयलक्ष्मी बनर्जी जोकि पूर्व डीजीपी आनंद लाल बनर्जी की सगी बहन थी और अपने पति हेमसिंह की ही तरह से इलाहाबाद हाईकोर्ट में सहायक निबंधक के पद पर तैनात थी , उनकी मृत्यु रहस्यमय परिस्थितियों में प्रयागराज के ही फिनिक्स अस्पताल में हो गई थी मामले में विजयलक्ष्मी बनर्जी के पति और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में संयुक्त निबंधक के पद पर तैनात हेम सिंह ने अपने साले और विजयलक्ष्मी बनर्जी के सगे भाई उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी आनंद लाल बनर्जी के ऊपर हत्या का आरोप लगाया है, और इसकी उन्होंने शिकायत भी लिखित रूप से की है। परंतु अब मामले में नया मोड़ आ गया है स्पष्ट रूप से यह पता चल गया कि 2017 में विजयलक्ष्मी बनर्जी ने अपनी भतीजी अर्थात आनंद लाल बनर्जी की 40 वर्षीय विवाहित बेटी अरुंधति बनर्जी को अपने संपत्तियों का वारिस घोषित कर दिया था, हेम सिंह का पहले से यही आरोप रहा है कि उनकी पत्नी की हत्या की गई है और हत्या केवल और केवल संपत्ति के लिए ही की गई है, क्योंकि विजयलक्ष्मी बनर्जी 2019 में रिटायर हुई, इसके अलावा उनके पास करोड़ों रुपए थे वह पैसे कहां गए इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है। परंतु मामले को दबाने का प्रयास पुलिस के उच्च अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है।

विजयलक्ष्मी बनर्जी ने खुद जताई थी हत्या की आशंका

अपनी भतीजी को 2017 में विजय लक्ष्मी बनर्जी के द्वारा नामिनी घोषित किए जाने के बाद विजयलक्ष्मी बनर्जी ने आधिकारिक रूप से मानवाधिकार आयोग और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को भेजे गए पत्रों में अपने सगे भाई आनंद लाल बनर्जी के द्वारा अपनी हत्या की आशंका जताई थी यह आशंका उन्होंने आनंद लाल बनर्जी की बेटी/अपनी भतीजी को नामिनी बनाने के करीब डेढ़ साल के बाद जाहिर किया था, अर्थात सगे भाई आनंद लाल बनर्जी और विजयलक्ष्मी बनर्जी में मामला इस कदर बढ़ गया था कि विजयलक्ष्मी बनर्जी को अपने हत्या की आशंका पहले से ही लग गई थी, उन्होंने 30 जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस रफत आलम को भेजे गए शपथ पत्र में स्पष्ट रूप से यह प्रार्थना की है कि यदि वह संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई जाती है तो उसके जिम्मेदार उनके भाई आनंद लाल बनर्जी, उनकी पत्नी मधुचंदा बनर्जी, पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी ,अधिवक्ता मलिक जमील अहमद और अधिवक्ता पंकज गुप्ता जिम्मेदार होंगे विजयलक्ष्मी बनर्जी का यह पत्र उनके पति हेम सिंह को सूचना के अधिकार के माध्यम से प्राप्त हुआ है इसलिए इसके विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह नहीं उठाया जा सकता है। और उसके कुछ दिनों के बाद उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो भी गई। इसके अलावा विजयलक्ष्मी बनर्जी के भाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी आनंद लाल बनर्जी के ऊपर उनकी एक दूसरी बहन इंद्राणी व मां पुतुल बनर्जी के साथ-साथ कई आईपीएस अधिकारियों ने भी उत्पीडन का आरोप लगाते हुए पूर्व DGP पर प्रश्न चिन्ह उठाए हैं । इसके अलावा इनके खिलाफ सेवाकाल के दौरान कार्यवाही की भी संस्तुति भी हो चुकी है।

विजयलक्ष्मी बनर्जी ने पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी को बताया था बड़ा खलनायक

विजयलक्ष्मी बनर्जी ने मानवाधिकार आयोग को भेजे गए पत्र के पैरा 11 में स्पष्ट रूप से आनंद लाल बनर्जी के एक मित्र और पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी का जिक्र किया है और दिनेश त्रिपाठी को अपराधी और पुत्र समेत गैंगस्टर बताया है और दर्जनों मुकदमों का अभियुक्त बताते हुए लिखा है कि हमारे पति के ऊपर निगाह रखने और परेशान करने के लिए हमारे भाई के द्वारा दिनेश त्रिपाठी को लगाया गया है यहां तक की उन्होंने लिखा है कि उनसे यह कहा गया है कि अपने पति अर्थात हेम सिंह को यदि परेशान करोगी तो वह डर कर चुपचाप बैठा रहेगा और आनंद लाल बनर्जी के ऊपर उत्तर प्रदेश में कोई कार्यवाही नहीं होगी और वह अपनी संपत्तियों को हमें दे देगा और अपनी शिकायतें जो भी उसने की है उसको वापस ले लेगा तथा सारी की सारी बातें दबी रह जाएंगी विजयलक्ष्मी बनर्जी के द्वारा दिए गए इन शपथ पत्रों की अहमियत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि वह उस समय इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सहायक निबंधक के पद पर तैनात थी और शपथ पत्र की कीमत को भलीभांति समझती रही होंगी इसलिए हेम सिंह के कथन अनुसार उनकी पत्नी स्वर्गीय विजयलक्ष्मी बनर्जी के द्वारा दिए गए इन शपथ पत्रों के आधार पर पूरे मामले की जांच निष्पक्ष हो सकती है।

सीबीआई जांच हेतु संवैधानिक संस्थाएं कर चुकी है संस्तुति

भारत की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन से जांच होने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सिफारिश की है राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने गृह मंत्रालय को लिखे गए पत्र में मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है।

मजिस्ट्रेटी जांच में एफ आई आर की है संस्तुति
मामले की जांच कर रहे प्रयागराज के एडीएम सिविल सप्लाई जितेंद्र कुशवाहा ने मजिस्ट्रेट जांच में आनंद लाल बनर्जी के ऊपर एफ आई आर दर्ज करने की बात भी स्पष्ट रूप से कही है परंतु आज तक एफ आई आर दर्ज नहीं हो पाई।

सीबी सीआईडी जांच हेतु शासन से हो चुकी है संस्तुति

उत्तर प्रदेश सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात मंजू लता ने 2 जुलाई 2020 को प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखे गए पत्र में हेम सिंह के प्रकरण की सीबीसीआईडी से जांच कराए जाने संबंधी विषय पर आख्या भी मांगी थी जिसके लिए प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सिफारिश की थी।

क्या बोले हेम सिंह?

इलाहाबाद हाईकोर्ट में संयुक्त निबंधक के पद पर वर्तमान में तैनात और विजयलक्ष्मी बनर्जी के पति और आनंद लाल बनर्जी के बहनोई हेम सिंह ने कहा कि मैं अपनी इकलौती बेटी की चिता जला चुका हूं और मुझे मेरी पत्नी के अंतिम संस्कार से वंचित रखा गया जो मेरा अधिकार और कर्तव्य दोनों था उन्होंने यह स्पष्ट भी किया कि उत्तर प्रदेश के किसी भी अदालत से उन्होंने तलाक नहीं लिया या दिया था हेम सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जवाब मांगा है कि क्या उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति कानून से भी अधिक महत्वपूर्ण या ऊपर हो सकता है, जो विधि विरुद्ध कार्य हो रहे हैं और लगातार उनका उत्पीड़न जारी है इसके लिए क्या उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था को संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिम्मेदारी नहीं बनती है । उन्होंने स्पष्ट रुप से आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी की हत्या की गई है और यह हत्या सिर्फ और सिर्फ संपत्ति के लिए की गई है।


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