दलों ने चुने चेहरे, मतदाता के चुनने की आई बारी
देवदत्त दुबे ।
भोपाल। प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। प्रदेश के प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है अब मतदाता की बारी है कि वह है किस दल के चेहरे को चुनता है।
दरअसल किसी भी चुनाव में राजनीतिक दल के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रत्याशी चयन की होती है और इसमें कितनी खींचतान होती है कि कई बार नामांकन पत्र दाखिल होने की अंतिम तिथि तक प्रत्याशियों के नाम सामने आ पाते है लेकिन इस बार दोनों ही दलों ने समय पूर्व प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। केवल एक सीट ब्यावरा पर कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा होना बाकी है। यह ऐसे चुनाव हैं जिसमें चुनाव की घोषणा होने से पूर्व ही सत्ताधारी दल भाजपा के 25 प्रत्याशी लगभग तय थे। केवल 3 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी तय करने थे और जब सामने वाली पार्टी के प्रत्याशी तय हो, तब दूसरे दल को प्रत्याशी चयन करने में सुविधा हो जाती है। सुविधा का फायदा उठाते हुए कांग्रेस में भाजपा से कुछ घंटे पहले अपने 27 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी।
बहरहाल अधिकांश सीटों पर प्रमुख दलों के प्रत्याशी घोषित होने के बाद, अब मतदाताओं को चेहरों के बीच तुलनात्मक अध्ययन करने का पर्याप्त मौका मिलेगा। कौन सा चेहरा किस सीट पर किस दल का मतदाताओं को पसंद आएगा इसका पता तो 10 नवंबर को ही चलेगा। लेकिन फिलहाल दलों द्वारा अपने घोषित चेहरों को चमकाने के लिए दलों के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा 28 विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो गया है।
फिलहाल भाजपा अपने कैडर को दुरुस्त करने में जुटी है। पार्टी मतदान के दिन की तैयारी अभी से कर रही है क्योंकि कोरोना काल के चलते कहीं मतदान का प्रतिशत कम ना रह जाए इसके लिए अभी से कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए तैयार किया जा रहा है कि मतदाता को मतदान केंद्र तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की जाए। पार्टी ने मंडल सम्मेलन में क्षेत्रों में पार्टी के राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेताओं को भेजा है, जिससे कार्यकर्ताओं में उर्जा भरी जा सके। इसी के तहत आज राहतगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव शामिल होंगे।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद राकेश सिंह 7 से 9 अक्टूबर तक बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे वही सिंधिया और सुहास भगत ग्वालियर चंबल इलाके में सक्रिय रहेंगे।
वहीं दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में ए से लेकर जेड तक सिर्फ कमलनाथ है। उनके चेहरे पर ही पार्टी चुनाव लड़ रही है। उनके प्रबंधन पर ही पार्टी को भरोसा है और उनके प्रत्याशी चयन को पार्टी मैं सर्व स्वीकृति है यही कारण है की उन्होंने 27 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और अधिकांश सीटों पर जैसे को वैसा उम्मीदवार देने की कोशिश की है। मसलन बड़ा मलहरा में उन्होंने कथावाचक राम सिया भारती को उम्मीदवार बनाया है क्योंकि इस सीट पर भाजपा की कभी कथावाचक रहे फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती का दबदबा रहा है। वे यहां से निर्वाचित होने के बाद ही प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी और बाद में उनकी जनशक्ति पार्टी ने भी यह सीट जीती थी। लोधी बाहुल्य सीट पर लोधी जाति की कथावाचक महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारकर कांग्रेस में बड़ा मलहरा में बड़ा दांव खेला है अब इस क्षेत्र में यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में आ गए हैं। कुल मिलाकर एक अलग तरह के वातावरण में हो रहे 28 विधानसभा सीटों के चुनाव भले ही मिनी आम चुनाव के रूप में देखे जा रहे हो लेकिन प्रदेश की राजनीति की दिशा तय करने वाले यह चुनाव ना केवल प्रतिष्ठा पूर्व बन गए हैं बरन संघर्षपूर्ण भी हो गए।
दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से पूरी ताकत झोंकी जा रही है। चंबल इलाके में बसपा लगभग एक दर्जन सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकती है। जाहिर है दलों ने अपने चुनिंदा चेहरों को मैदान में उतार दिया है और अब मतदाता को इनमें से एक चेहरा जताकर विधानसभा भेजना है।