चक्रवाती तूफान ‘यास’ से रुबरू पश्चिम बंगाल कम्प्लीट स्टोरी

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कोलकाता, 26 मई । पश्चिम बंगाल में बुधवार को चक्रवाती तूफान ‘यास’ ने जमकर तांडव किया। तूफान की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है। लगभग एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इससे बड़े पैमाने पर नुकसान होने की खबर है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी।

बुधवार दोपहर को बंगाल में चक्रवात यास के लैंडफॉल के बाद 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। यास से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि लगभग तीन लाख से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं। बड़ी संख्या में नदियों पर बने बांध टूटे हैं और कृषि संपदा को भी व्यापक क्षति हुई हैं। खेतों में समुद्र का पानी घुसने से खेती नष्ट हो गई है। यास चक्रवाती तूफान का सर्वाधिक असर उत्तर और दक्षिण 24 के साथ-साथ पूर्व मेदिनीपुर के तटवर्ती इलाके में देखा गया। यहां नदी के बांध टूटने की जानकारी मिली है। समुद्र का पानी गांवों और घरों में घुस गया है।

बुधवार को मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी ने चक्रवात के बाद आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव अलापन बनर्जी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। बताया गया कि मुख्यमंत्री ममता शुक्रवार को पूर्व मेदिनीपुर के प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करेंगी। सचिवालय में मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नदी के प्रवाह से कई बांध टूट गए हैं। चक्रवात के चलते 15 लाख चार हजार 500 लोगों को राहत शिविर पहुंचाया गया है। चक्रवात से लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। तीन लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री के लिए 10 लाख तिरपाल, कपड़ा, चावल आदि भेजा गया है। चक्रवात से संदेशखाली एक-दो, कुल्टी, हिंगलगंज, हसनाबाद, पाथरप्रतिमा, गोसाबा,, बासंती, कैनिंग- 1 और दो, बजबज, शंकरपुर, ताजपुर, रामनगर एक और दो, नंदीग्राम एक और दो, कोलाघाट, दीघा, शंकरपुर, ताजपुर, मंदारमोनी, सागरद्वीप, काकद्वीप, नामखाना, पाथरप्रतिमा, बक्खाली आदि प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल नदियों का प्रदेश है। इस कारण बार-बार बाढ़ और चक्रवाती तूफान आते हैं। प्रत्येक बार बांध बनाया जाता है और फिर वह टूट जाता है। चक्रवात के बाद राहत कार्यो के लिए राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स का नेतृत्व मुख्य सचिव करेंगे। इसमें बांध निर्माण के विभिन्न पहुलओं को लेकर चर्चा होगी।

राहत शिविर में वृद्ध की मौत

बांकुड़ा । राहत शिविर में वृद्ध की बुधवार सुबह हृदय रोग के कारण मौत हो गई। घटना सिमलापाल थाने की माचातोडा ग्राम पंचायत के तपुबैद गांव की है। मृतक की पहचान संतोष लोहार (65) के रूप में हुई है। दरअसल ‘यास’ चक्रवात आने से पहले सरकार की पहल पर जरूरतमंदों को विभिन्न राहत शिविरों में पहुंचाया गया था। इसी तरह संतोष लोहार अपने परिवार के साथ मंगलवार शाम सिमलापाल थाना के माचातोडा ग्राम पंचायत के राहत शिविर में पहुंचे थे। उनके परिवार का दावा है कि वह कल तक ठीक थे। आज सुबह उन्हें अचानक सीने में दर्द हुआ और मौत हो गयी। सूचना मिलते ही सिमलापाल थाने की पुलिस व ब्लॉक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव पहुंच गये। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए बांकुड़ा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया है।


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