करेंट न्यूज़: प्रयागराज, झलवा में नियमित गाय के अपहरण व मांस के लिए कटने की शिकायत, पुलिस ने हिरासत में लिए तीन गुन्हेगार

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प्रयागराज। झलवा रोड़ पर स्थित धुस्सा गांव के निवासी कंधई लाल यादव पुत्र स्वर्गीय राम सजीवन यादव पशुपालक है।
कंधई यादव प्रति दिन की तरह रविवार की शाम भी दूध निकालने के बाद अपने सभी पशुओं को घर के बाहर ही टिन शैड के नीचे पशुओं के स्थान पर बाँध कर सो गया था।
सोमवार की सुबह लगभग 5 बजे उठकर वह अपने पशुओं को चारा डालने के लिए गया तो उसकी एक गाय वहाँ पर नहीं थी जो कि रस्सी सहित उक्त स्थान से गायब थी।
गाय को अन्य पशुओं के साथ न पाकर कंधई यादव एवं उसके पुत्रों ने गाय की तलाश शुरू की तो पता चला कि एक ऐसी ही गाय जैसी की कंधई यादव की गाय हैं, ठीक वैसी ही गाय धुस्सा के जगंल में कटी पड़ी हैं । पशुपालक ने वहां जाकर देखा तो मौके पर उनकी गाय का सिर और खाल पड़ी थी उक्त गाय के पेट मे छ माह का बच्चा था जिसका भ्रूण भी मौके पर ही पड़ा था। 
इसकी सूचना गाय मालिक के पुत्र के द्वारा 112 पर फोन करके पुलिस को दी गयी।
डायल 112 की गाड़ी तथा पीपल गाँव चौकी की पुलिस एवं कालिंदीपुरम चौकी की पुलिस के साथ साथ थाना धूमनगंज की पुलिस भी मौके पर पहुँची ।
मौके पर पहुँची पुलिस ने स्थानीय लोगों को मोबाइल से फोटो खींचने को मना कर दिया था मगर लोगों ने कुछ फोटो चोरी छिपे खींच ली ।
मौके पर पहुँची पुलिस काटी गई गाय के बचे हुए अवशेष बोरो में भर कर अपने साथ ले गई हैं ।
यहाँ आपको बताते चलें की इस घटना के एक दिन पहले ही एक अन्य पशुपालक श्याम नारायण यादव की भी गाय गायब हुई थी।
स्थानीय लोग बताते है कि इनकी गाय भी धुस्सा के जंगलों में ही काटी गई हैं । बताया जाता है कि धुस्सा गाँव का यह जंगल सेना की जमीन हैं। सेना इस जमीन की चारदीवारी का कार्य भी करा रही थी मगर अभी लाॅक डाउन की वजह निर्माण कार्य बंद हैं ।
इस जंगल में गौवंश के काटने की यह पहली या दूसरी घटना नहीं हैं यहाँ आए दिन ऐसी घटनाओं को अंजाम गौमांस की तस्करी और बिक्री करने वाले गिरोह के द्वारा दिया जाता रहता हैं ।
जिन पशुपालको के की गाय इन गाय काटने वालों का शिकार हो जाती है वह पशुपालक थाने, चौकी पर अपनी फरियाद लेकर जाते हैं जो सिर्फ कागजो में सिमट कर रह जाती हैं ।स्थानीय पशुपालक और अन्य लोग बताते हैं कि यहाँ पर पीछे दो तीन वर्षो से ऐसा होता आ रहा हैं वह बताते हैं की स्थानीय पशुपालको की कई दर्जन गाय इसी तरह गायब हो चुकी हैं जिनमें से कुछ के अवशेष धुस्सा के जंगलों मे मिले हैं ।
मगर पुलिस प्रशासन के ढीले रवैया के चलते गोवंश को काटने वालों के हौसले बुलंद है और आए दिन यहां पर गाय के कटे हुए शरीर के अवशेष मिलते रहते हैं।
इस जंगल के कोने पर पेट्रोल पंप के बराबर में बने हनुमान मंदिर के पुजारी बताते हैं कि कई बार तो ऐसा होता है कि कुछ लोग लकड़ी काटने के बहाने कुल्हाड़ी वगैरह लेकर के दिन में जंगल में प्रवेश करते हैं और वह लोग यहां चरती हुई गाय को पैर और मुंह बांधकर इधर-उधर डाल कर चले जाते हैं, जिसे वह रात के अंधेरे में आकर काटते हैं और उनका मांस यहां से ले जाते हैं अवशेष यहीं पर छोड़ देते हैं ।
कई बार ऐसा भी हुआ है कि मंदिर में आने जाने वाले लोग को जंगल में जाने पर गाय बंधी हुई हालत में मिली है जिनको उन लोगों ने खोल कर के आजाद कराया हैं । मगर अब लाॅक डाउन के दौरान गाय को काटने वालों के हौसले ज्यादा ही बुलंद है और पुलिस प्रशासन इस मुद्दे पर अपना ढीला रवैया अपनाते हुए चल रहा है।
जिस कारण गाय चोरी होने और गायों के कटने की घटनाएं इस क्षेत्र में बढ़ रही है हमने भी इस घटना के बाद कालिंदीपुरम पुलिस चौकी इंचार्ज को फोन कर के उनसे बात करने की कोशिश की पहले तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और जब उन्होंने फोन उठाया तो हमारा परिचय जानकर हमारा फोन काट दिया और उसके बाद हमारा कोई फोन कालिंदीपुरम चौकी इंचार्ज ने नहीं उठाया।
सूत्रो की मानें तो संबंधित थाने और पुलिस चौकी पर इन गाय काटने वालों की पूर्ण जानकारी हैं मगर फिर वह सब आजाद घुमने रहते है। सोमवार की सुबह जब पुलिस घटना स्थल पर पहुँची तो पुलिस ने इस मामले को भी पूर्व की भाँति रहा दफा करने का प्रयास किया।परंतु जब पुलिस को यह मालूम हुआ की इस बार मामला लखनऊ के एक समाचार पत्र तक पहुँच गया हैं तो इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया और अपने ऊपर आने वाले सवालों से बचने का प्रयास करते हुए पुलिस ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 11 देसी बम, लकड़ी का टीला, एक गड़ासा और दो चाकू भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा है कि धूमनगंज थाना क्षेत्र के चिल्ला निवासी इम्तियाज, यहीं के खुसरो और अच्छे को मुकदमा अपराध संख्या 431/2020 और 432/2020 के तहत गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 379 भारतीय दंड विधान संहिता के तहत 3/5/8 गौवध हत्या निवारण अधिनियम उत्तर प्रदेश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था ।आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी के निर्देश पर 3 टीमें बनाई गई थी। क्षेत्राधिकारी नगर द्वितीय के नेतृत्व में बनी पहली टीम की अगुवाई प्रभारी निरीक्षक धूमनगंज ने की। दूसरी टीम प्रभारी निरीक्षक खुल्दाबाद के नेतृत्व और तीसरी टीम प्रभारी निरीक्षक करेली के नेतृत्व में बनाई गई। पुलिस की टीमों ने मुखबिर की सूचना पर आरोपियों की गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार किए गए।मगर धुस्सा गांव के जंगलों मे गौकसी का यह मामला इतना छोटा नही हैं कि मात्र तीन आरोपियों को गिरफ्तार करके ही इसे निपटाया जा सके। इस क्षेत्र में गायो के गायब होने और गायो के कटने में पुलिस की भुमिका पर भी काफी सवाल खड़े किए हैं ।देखना यह हैं कि क्या पुलिस के आला अधिकारियों की कार्यवाही संबंधित थाने, चौकियों पर भी होंगी या कुल तीन आरोपियों पर ही सिमट कर रहा जाएँगी ?

अरविंद कुमार


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