सोमवार से खुलेगा हाईकोर्ट, मुकदमों की सुनवाई को लेकर आदेश जारी

Share:

प्रयागराज। समय पूर्व एक माह के ग्रीष्म अवकाश के बाद सात जून से इलाहाबाद हाईकोर्ट मुकदमों की सुनवाई के लिए खुल जाएगा। इस बार कोविड संक्रमण के कारण हाईकोर्ट में ग्रीषमावकाश जून के बजाए मई में ही घोषित कर दिया गया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव ने सात जून से मुकदमों की सुनवाई को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। 

मुकदमों की सुनवाई को लेकर दो प्रकार के आदेश जारी किए गए हैं। एक आदेश  से 56 अदालतें बैठने का संविधान जारी किया गया है और मुकदमों की सुनवाई व्यवस्था का खाका खींचा गया और दूसरे आदेश से अगले एक सप्ताह यानी सात जून से 11जून तक केवल 16अदालतें ही बैठाने का आदेश जारी किया गया।

तीन जून को जारी अधिसूचना के अनुसार   कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए डेली काज लिस्ट अभी नहीं छपेगी।अर्जेन्सी अर्जी कोर्ट में मंजूर होने पर पुराने मुकदमे एडिशनल काज लिस्ट मे छपेंगे और  सुने जाएंगे। हत्या,डकैती,दुराचार, अपहरण जैसे गंभीर  आपराधिक अपीलो , जेलों में बंद आधी सजा भुगत चुके आरोपियों की अपीलों को सुनवाई में वरीयता दी जाएगी।

मिडिएशन से तय होने वाले मामले,किशोर न्याय के मामले, केन्द्रीय या राज्य कपे कानून की वैधता की चुनौती मामले अर्जेन्सी अर्जी पर एडिशनल काज लिस्ट में छपेगें। एम पी,एम एल ए व एम एल सी के विरूद्ध लंबित आपराधिक अपीलें सुनी जाएंगी।इनमे अर्जेन्सी अर्जी देने की जरूरत नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश  से सुने जाने वाले मुकदमे भी सुने जाएंगे। इस व्यवस्था को घोषित करने के तुरंत बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने एक आदेश जारी कर कहा  कि कोविड 19संक्रमण को देखते हुए अगले सप्ताह सात जून से 11जून तक केवल 16अदालतें ही बैठेंगी।और जरूरी मुकदमे सुनेंगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सात जून से वर्चुअल सुनवाई के लिए खुल अदालत में वर्चुअल के बजाए फिजिकल सुनवाई शुरू करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को वकीलों ने प्रदर्शन किया।   बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रशासन अभिषेक शुक्ल के नेतृत्व में दर्जनों अधिवक्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के गेट के सामने प्रदर्शन कर न्यायालय प्रशासन से खुली अदालत में सुनवाई व्यवस्था लागू करने की मांग की। मुख्य गेट पर प्रदर्शन करने वाले अधिवक्ताओ मे संतोष कुमार मिश्र, अनुराधा सुन्दरम, रश्मि त्रिपाठी,अंजनी मिश्र, मंजू सिंह, सपना सिंह, युवराज सांगलू, विशाल शुक्ल आदि  50से 60 अधिवक्ता शामिल हुए।
अधिवक्ताओ का कहना है कि वर्चुअल सुनवाई में कनेक्टिविटी की समस्या होती है जिससे सुनवाई नहीं हो पाती है। बहुत से अधिवक्ताओं को इस प्रक्रिया की जानकारी न होने से भी दिक्कत आ रही है। हजारों की संख्या में नए मुकदमे दाखिल हैं, जो महीनों से सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। वादकारी अधिवक्ताओं पर सुनवाई के लिए दबाव डाल रहे हैं।आनलाइन दाखिले की कठिनाई के कारण अधिवक्ताओं को काफी परेशानी भी उठानी पड रही है।वकीलों की मांग है कि वर्चुअल सुनवाई के बजाए खुली अदालत में  अधिक संख्या में  न्यायपीठें बैठाकर वादकारियों को न्याय दिलाया जाए।


Share: