रियल कोरोना योद्धा बनकर मिसाल कायम कर रहे हैं डॉ. संदीप सिंह

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भोपाल, 11 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के संकटकालीन समय में  टोटल लॉकडाउन के दौरान  जहां शासन और प्रशासन दिन रात 24 घण्टे कार्यरत रहकर आमजन को स्वस्थ और सुरक्षित रखने  का अपना कर्तव्य निभा रहे है वहीं   मानव सेवा को समर्पित डॉक्टर संदीप सिंह अपनी स्वैच्छिक सेवाओं द्वारा कोरोना से इस जंग में कोरोना योद्धा बनकर मिसाल कायम कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में लॉक डाउन घोषित होते ही  बरखेड़ा पठानी, भोपाल निवासी निजी डेंटिस्ट डॉक्टर संदीप सिंह ने प्रशासन को अपनी स्वैच्छिक सेवाएं देने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से संपर्क किया और उनके जज्बे को देखकर उन्हें  भोपाल के कोरोना वार कंट्रोल रूम में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों के थर्मल स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी दी गई, जिसमें वे सुबह 10:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक लगातार अपनी सेवाएं देकर बदस्तूर निभा रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्वारनटाइन हुए एक व्यक्ति को निःशुल्क डेंटिस्ट ट्रीटमेंट भी दिया।

उल्लेखनीय है कि डॉ. संदीप कंट्रोल रूम से ही अपने यूट्यूब चैनल “healthcrum” के माध्यम से भी प्रत्येक दिन शाम को 5 बजे आमजनता  को कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी , शिकायतों का समाधान के साथ-साथ खानपान और सुरक्षा संबंधी सावधानियां बरतने की हिदायते देते है।  इसी क्रम में उनके द्वारा पुलिस थाना गोविंदपुरा ,अवधपुरी, पिपलानी ,अशोका गार्डन एमपी नगर, जहांगीराबाद ,टीटी नगर, बागसेवनिया में थाना प्रभारी और उनके स्टाफ को कोरोना संकटकालीन समय में अपनी ड्यूटी के दौरान विशेष सुरक्षा, सावधानियां और सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करने हेतु जागरूक भी किया गया है।  

वे अपने क्षेत्र बरखेड़ा पठानी में रहने वाले झुग्गी वासियों को प्रिवेंटिव होम्योपैथिक मेडिसिन का वितरण भी करते हैं तथा लगातार उन्हें स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पालन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। डॉक्टर संदीप कहते है कि “जब तक मेरे वश में है तब तक मैं एक डॉक्टर होने के फर्ज को निभाता रहूंगा ।यही मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य है।”शासन और प्रशासन इस संकटकालीन समय में  समाज के समक्ष मानव सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले अपने रियल हीरो  ऐसे कोरोना योद्धा को सलाम करती है। स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में उनका प्रायः रोज तालियां बजाकर सम्मान भी व्यक्त किया जाता है।


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