सीएम छत्तीसगढ ने किया 7 कोविड केयर सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन

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शिव नारायण त्रिपाठी ।
जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आबादी की दृष्टि से जांजगीर चांपा सबसे बड़ा जिला है। घनी आबादी की तुलना में स्वास्थ्य सुविधाओ को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि औद्योगिक समूहों, धार्मिक संगठनों, समाजसेवी संगठनों के सहयोग से आज 508 बिस्तर वाले 7 कोविड केयर सेंटर्स का वर्चुअल उद्घाटन हुआ है। इनके बेहतर संचालन में भी किसी प्रकार की कमी नहीं होगी।

जिन नवीन कोविड अस्पतालों का शुभारंभ रविवार को हुआ उनमें से कोविड केयर सेंटर मड़वा में 100 बिस्तर उपलब्ध हैं जिनमें से 70 ऑक्सीजन बेड हैं। कोविड केयर केंद्र पामगढ़ में 150 बिस्तर में 50 बिस्तर ऑक्सीजन बेड हैं। इसी प्रकार कोविड केयर केंद्र पुलिस लाइन जांजगीर में उपलब्ध कुल 18 बेड में आठ ऑक्सीजन बेड, कोविड केयर केंद्र कुलीपोटा में उपलब्ध 150 बेड में 50 बेड ऑक्सीजन सुविधा युक्त, कोविड केयर केंद्र पीआईएल में उपलब्ध 50 बिस्तर में पांच बिस्तर ऑक्सीजन बेड, कोविड केयर केंद्र नवागढ़ के सभी 10 बिस्तर ऑक्सीजन बेड और कोविड केयर केंद्र जिला चिकित्सालय जांजगीर में उपलब्ध 30 बेड में 21 ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड हैं।

मुख्यमंत्री ने जिले में कोविड प्रबंधन को और बेहतर बनाने आवश्यकतानुसार चिकित्सा उपकरणों की कार्ययोजना भेजने और जांजगीर में वायरोलॉजी लैब की स्थापना के कार्य में तेजी लाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने आरटीपीसीआर लैब शीघ्र प्रारंभ करने और घोषित कंटेनमेंट जोन के दौरान किसानों और श्रमिकों का विशेष ध्यान रखने का जोऱ दिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सभी कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था समुचित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए ऑक्सीजन सोलर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तथा 10 लीटर वाली ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के उपयोग को उन्होंने प्राथमिकता देने पर जोर दिया। कोविड मैनेजमेंन्ट की जानकारी देते हुए कलेक्टर यशवंत कुमार ने बताया कि आज मुख्यमंत्री के द्वारा 7 कोविड हॉस्पिटल और केयर सेंटर के 510 बेड के लोकार्पण के साथ जिले में कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या 1700 हो जाएगी। इनमें 13 सौ से अधिक नॉर्मल बेड और करीब 480 आक्सीजन सुविधायुक्त बेड शामिल हैं। जिले में पहले 900 बेड थे। इनमें 696 सामान्य और 204 ऑक्सीजन युक्त बेड रहे।


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