चोर उचक्के बने पुलिस मुखबिर कैसे होगा हत्या का खुलासा

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मनोज करवरिया ।

दो महीने बीते रिटायर्ड शिक्षक की हत्या के खुलासे में हाफ रही है मंझनपुर पुलिस

कौशाम्बी । मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के नारा पुलिस चौकी अंतर्गत गांव में 3 अगस्त की रात रिटायर्ड शिक्षक राजबहादुर सिंह पुत्र भभूति सिंह के सिर में वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था रिटायर्ड शिक्षक की हत्या में शामिल लोगों ने उनके गले में पड़ी लाकेट और हाथ की अंगूठियों को निकाल ले गए थे जिससे प्रथम दृष्टया यह मामला लूट की नीयत से हत्या का प्रतीत होता था

लेकिन शिक्षक को मौत देने वाले अपराधियों ने शिक्षक के कमरे का ताला तोड़कर लूटपाट नहीं की थी जिससे इस हत्याकांड में लूटपाट की घटना की ठोस वजह सामने नहीं आ सकी है इस हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने अब तक डेढ़ दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर उन पर लाठियां बरसा कर हत्याकांड खुलासे का प्रयास किया है लेकिन प्रत्येक गिरफ्तारी के बाद पुलिस के हाथ खाली रहे हैं

शिक्षक हत्याकांड के खुलासे में असफल मंझनपुर पुलिस ने अब चोर लुटेरों को इस हत्याकांड के खुलासे की मुखबिरी में लगा दिया है इस बात का फायदा चोर उचक्के उठाने लगे हैं कल तक जो पुलिस को देख कर भय खाते थे और पुलिस के बुलावा पर दर्जनों लोगों के समझाने के बाद थाने और पुलिस चौकी जाते थे आज वही चोर लुटेरे इस हत्याकांड के खुलासे में पुलिस के मुखबिर बन कर उनकी जांच दिशा को बदल रहे हैं और हत्याकांड के खुलासे की मुखबिरी के नाम पर अपने विरोधियों को पकड़वा कर जांच के नाम पर उन पर पुलिस से लाठी बरसाना और बाहर निकल कर इस बात की चर्चा आम लोगों के बीच में करना कि फला व्यक्ति को पुलिस पकड़ कर ले गई थी और देखो कैसे लाठी पड़ी है

तीन चार चोर उचक्कों की यह करतूत क्या रिटायर्ड शिक्षक के हत्यारों के करीब पुलिस को पहुंचने देगी रिटायर्ड शिक्षक के हत्या के तमाम साक्ष्य खुलेआम हवा में तैर रहे हैं लेकिन पुलिस ना जाने किस दिशा में अपनी जांच ले जाकर हत्याकांड के खुलासे की जांच करना चाहती है सूत्र बताते हैं कि बीते दो महीने के बीच जिन डेढ़ दर्जन लोगों को पुलिस ने हत्याकांड के खुलासे के लिए अलग-अलग पकड़ा था उन्हीं में रिटायर्ड शिक्षक का हत्यारा शामिल है लेकिन पुलिस ने नोट की गड्डी लेकर के उसे थाने से छोड़ दिया जिससे पुलिस की जांच दिशा बदल गई है

रिटायर्ड शिक्षक की हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस अब उस ओर अपनी जांच दिशा ही नहीं ले जाने का प्रयास कर रही है जिस ओर घटना स्थल की सच्चाई बयां कर रही है रिटायर्ड शिक्षक की हत्याकांड में तमाम ऐसे साक्ष्य हैं जिन्हें आधार मानकर हत्याकांड की पुलिस ने जांच किया तो जल्द ही रिटायर शिक्षक के हत्यारे जेल के सलाखों में होंगे लेकिन क्या चोर उच्चको की मुखबिरी से पुलिस और आगे उबर पाएगी यह बड़ा सवाल है

पता : पत्रकार मनोज करवरिया , चक नारा मंझनपुर कौशाम्बी मो०6387244837


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