लो प्रोफाइल वीरेंद्र हुए हाई प्रोफाइल

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देवदत्त दुबे।
भाजपा जिस चाल चरित्र और चेहरे की बात करती है उसमे वीरेंद्र कुमार को उनके समर्थक फिट मानते हैं।
वहीं कुछ का स्वाभाविक जो व्यवहार होता है वह बदल नहीं पाता चाहे वे पद पर रहे या ना रहे और चुनावी राजनीति में कोई एक मापदंड फिट नहीं होता। कई बार आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग चुनाव जीत जाते हैं और सज्जन पुरुष चुनाव हार जाते हैं। कई बार उद्योगपति चुनाव हार जाता है और गरीब आदमी चुनाव जीत जाता है। यह सब तय होता है उस चुनाव की परिस्थिति कैसी बनती है और चुनाव लड़ने वाले के प्रति लोगों की धारणा कैसी है।

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार का हमेशा लो प्रोफाइल राजनीतिक सफर रहा है। पोस्टर होडिंग विज्ञापनों से भी दूर रहे हैं ।लेकिन केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद जन आशीर्वाद यात्रा को निकले वीरेंद्र कुमार का जिस तरह से स्वागत हो रहा है, उनके समर्थक भी कहने लगे हैं कि लो प्रोफाइल से आखिर वीरेंद्र भाई भी हाई प्रोफाइल हो ही गए।

बहरहाल प्रदेश में भाजपा द्वारा निकाली जा रही जन आशीर्वाद यात्रा के तहत शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की जन आशीर्वाद राजधानी भोपाल पहुंची।जहां-जहां से यात्रा गुजरी वहां-वहां बैनर, पोस्टर, झंडे, होडिंग से शहर पाठ दिया गया था। शायद 7 बार के सांसद, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी इस तरह के तामझाम का उपयोग नहीं किया, वे हमेशा लो प्रोफाइल रहे। पहले सागर शहर में जब सागर से सांसद हुआ करते थे तब एक स्कूटर से घूमते थे और इसी तरह टीकमगढ़ क्षेत्र के सांसद बनने के बाद भी स्कूटर या आटो से घूमते हैं। पहली बार सांसद बनने के बाद उन्होंने सागर जिला कचहरी में पेड़ के नीचे चबूतरे पर प्रति सोमवार जनता दरबार लगाना शुरू किया। दरी बिछाकर बैठ जाया करते थे और जो भी ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर आते थे संबंधित अधिकारी के पास आवेदक को ले जाकर समस्याओं को हल कराने का प्रयास करते थे।
दरअसल सभी व्यक्तियों की अपनी अपनी लाइफस्टाइल होती है। राजनीतिक व्यक्तियों की अपनी अलग राजनीतिक पहचान होती है। कोई चुनाव जीत कर भी विधायक, सांसद, या केंद्र में मंत्री हो जाए उसके बाद भी सामान्य जीवन जीना पसंद करता है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी है जो पार्षद बन जाए सरपंच बन जाए फिर उनके हाव भाव और जीवन जीने की स्टाइल बदल जाती है। जलवा दिखाने की होड़ में शामिल हो जाते है और कुछ ऐसे भी नेता होते हैं जो जब जहां जैसी जरूरत पड़ती है वैसा वेशभूषा या आचरण व्यवहार बना लेते हैं।

लेकिन जिस तरह से राजधानी भोपाल में पार्टी द्वारा जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उनका स्वागत किया गया है उसमें उनके समर्थक भी कहने लगे हैं कि चलो देर से ही सही वीरेंद्र कुमार लो प्रोफाइल से हाई प्रोफाइल तो हुए। भले ही वीरेंद्र कुमार को यह सब रास नहीं आ रहा होगा लेकिन पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वे पूरी शिद्दत के साथ पूरे दिन सक्रिय रहे। सुबह बीआईपी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने स्वयं कहा कि वे पहली बार राजधानी भोपाल के पत्रकारों के बीच पत्रकार वार्ता कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों और नरेंद्र मोदी की नीतियों की जानकारी पत्रकारों को दी, साथ ही ओबीसी आरक्षण बिल जो उन्होंने ही प्रस्तुत किया था उसके बारे में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही की विपक्ष के हंगामे की पूरी तस्वीर पत्रकारों के सामने रखी।

कुल मिलाकर केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की जन आशीर्वाद यात्रा, राजधानी भोपाल में हाई प्रोफाइल तरीके से निकाली गई जिसमें जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया एवं झंडा, बैनर, पोस्टरों से शहर को सजाया गया और यह सब वीरेंद्र कुमार के लिए अचंभित कर देने जैसा था क्योंकि वह हमेशा से लो प्रोफाइल राजनीति करते आ रहे हैं। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की जन आशीर्वाद यात्रा में अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।

लेखक सम्पूर्ण माया पत्रिका के मध्य प्रदेश ब्यूरो प्रमुख है।


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