अब फ्री में बुक होगा इंडेन LPG सिलेंडर
उपभोक्ताओं को सहूलत प्रदान करने के लिए गैस कंपनी ने एक नई सुविधा प्रदान की है। इंडेन गैस के ग्राहक अब एलपीजी सिलेंडर भराने को लेकर बुकिंग महज एक मिस्ड कॉल देकर करा सकते हैं।
नई दिल्ली। इंडेन गैस के उपभोक्ताओं को अपना एलपीजी सिलेंडर को बुक करने की झंझट से थोड़ा आराम मिला है। उपभोक्ताओं को सहूलत प्रदान करने के लिए गैस कंपनी ने एक नई सुविधा प्रदान की है। इंडेन गैस के ग्राहक अब एलपीजी सिलेंडर भराने को लेकर बुकिंग महज एक मिस्ड कॉल देकर करा सकते हैं। इंडियन आयल के शुक्रवार को जारी आधिकरिक बयान के अनुसार उसके एलपीजी ग्राहक सिलेंडर भराने को लेकर देश में कहीं से भी एक मिस्ड कॉल नंबर … 8454955555– का उपयोग कर सकते हैं। इस सुविधा से ग्राहकों को बुकिंग के लिये कॉल करने में जो समय लगता था, उसकी बचत होगी। वे केवल मिस्ड कॉल कर बुकिंग करा सकेंगे। पहले के लिए तरह अब ग्राहकों को लंबे समय तक कॉल होल्ड पर नहीं रखना होगा. साथ ही, मिस्ड कॉल के जरिए बुकिंग का एक फायदा यह भी है आईवीआरएस कॉल्स के तरह ग्राहकों को कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं देना होगा। इस सुविधा से उन लोगों के लिए एलपीजी गैस बुक करना आसान हो जाएगा, जो IVRS कॉल में परेशानियों का सामना करते हैं। साथ ही बुजुर्ग लोगों के लिए भी एक सहूलियत मिल सकेगी। तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर से मिस्ड कॉल फैसिलिटी को लॉन्च किया।
इस सुविधा से बुजुर्गों को मिलेगी राहत
कंपनी ने उपभोक्ताओं की परेशानी को कम करने के लिए यह सुविधाएं प्रदान की हैं। साथ ही ग्राहकों को कॉल के लिये कोई शुल्क नहीं लगेगा जबकि मौजूदा आईवीआरएस (इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम) कॉल व्यवस्था में कॉल की सामान्य दरें लगती हैं। बयान के अनुसार इस सुविधा से उन लोगों और बुजुर्गों को राहत मिलेगी जो आईवीआरएस प्रणाली में स्वयं को सहज नहीं पाते। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘मिस्ड कॉल’ सुविधा की शुरूआत की। उन्होंने इस मौके पर दूसरे चरण के वैश्विक स्तर के प्रीमियम ग्रेड के पेट्रोल (ऑक्टेन 100) को भी पेश किया। इंडियन ऑयल इसकी बिक्री एक्सपी- 100 ब्रांड के तहत करेगी। इस मौके पर प्रधान ने कहा कि गैस एजेंसियां और वितरक यह सुनिश्चित करें कि एलपीजी की डिलिवरी एक दिन से लेकर कुछ घंटों में हो। उन्होंने यह भी कहा कि एलपीजी के मामले मे देश ने लंबी यात्रा तय की है। एलपीजी कनेक्शन 2014 के पहले छह दशकों में करीब 13 करोड़ लोगों को उपलब्ध करायी गयी थी। यह आंकड़ा पिछले छह साल में 30 करोड़ तक पहुंच गया है।