मध्य प्रदेश न्यूज़ : कम मतदान से बढ़ी भाजपा-कांग्रेस की सांसें

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देवदत्त दुबे।

पचहत्तर से पच्चासी फीसदी मतदान के मौजूदा दौर में निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान ने सभी को चौंका दिया। मतदान का कम प्रतिशत देखकर भाजपा और कांग्रेस , दोनों प्रमुख दलों के नेताओं की सांसें फूली हुई हैं। खास बात यह है कि दोनों दल इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग को दोषी ठहरा रहे हैं। मतदाता सूचियों को लेकर लगभग हर चुनाव में शिकायतें रहती हैं लेकिन इस बार शिकायतों का अंबार था। जैसे मतदाता पर्चियां नहीं बंटी और मतदाताओं के मतदान केंद्र बदल गए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आयोग ही कम मतदान के लिए जवाबदार है या इसके लिए राजनीतिक दल, प्रत्याशी और मतदाता भी दोषी हैं। सच यह है कि भाजपा- कांग्रेस के बड़े नेता तो सक्रिय नजर आए लेकिन निचले स्तर पर जितनी सक्रियता और तैयारी होना चाहिए थी, नहीं दिखाई पड़ी। प्रत्याशी कही भी मतदाताओं को निकालने की कोशिश करते नहीं दिखे। सबसे अहम मतदाता मतदान के प्रति उदासीन दिखा। मतदान की सबसे बुरी स्थिति भोपाल, ग्वालियर जैसे महानगरों में रही, जहां बमुश्किल मतदान का प्रतिशत 50 को छू पाया। जीते-हारे कोई लेकिन यह सभी के लिए चिंतन-मंथन की बात होना चाहिए। हालांकि दोनों दलों के नेता अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। 


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