बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नया अवतार, ‘रॉबिनहुड’ के बाद अब ‘कथावाचक’ बन सुर्खियों में आए

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डा अजय ओझा।

पटना । बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक बार फिर से वह चर्चा में हैं। इस बार वे एक कथावाचक के अवतार में नजर आ रहे हैं। गुप्तेश्वर पांडेय ने एक बैनर के माध्यम से श्रीमद भागवत वचन अमृत की जानकारी साझा की। उस बैनर में जहां एक तरफ राधा कृष्ण की तस्वीर लगाई गई है, वहीं दूसरी तरफ गुप्तेश्वर पांडेय की तस्वीर लगी है। साथ ही कथा की अवधि ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी से हरि इच्छा तक बताई गई है। बैनर में यह भी बताया गया है कि इस कथा का प्रसारण ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। बैनर के अंत में जूम आईडी और उसका पासवर्ड भी दिया गया है। जो लोग भी इस कथा को सुनना चाहते हैं वे इस आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग इन कर सकते हैं.बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब वह सुर्खियों में रहे हों या अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई हो। इससे पहले भी पांडे ने अपनी नौकरी से वीआरएस ले ली थी और बिहार डीजीपी के पद से इस्तीफा देने के बाद जेडीयू की सदस्यता ले ली थी। लेकिन, टिकट नहीं मिला तो वह चुनाव नहीं लड़ सके। अब वो कथावाचक बन गए हैं।

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में मीडिया में छाए रहे

बीते वर्ष अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में, रिया की ‘औक़ात’ वाले बयान देने और एक पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार को लेकर चर्चा में रहे थे। इसी दौरान उन्होंने मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए थे और तब मीडिया की सुर्खियों में रहे थे। बिहार पुलिस के साथ कथित दुर्व्यवहार पर उन्होंने काफी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसके बाद उन्होंने ही सुशांत सिंह मामले की सीबीआई जांच करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।

बिहार के 26 जिलों में किया काम

1987 बैच के आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय बिहार में अलग-अलग पदों पर उसके 26 जिलों में काम कर चुके हैं। उनका जन्म बक्सर ज़िले के एक छोटे से गांव गेरूआबाँध में हुआ था। किसान पिता जगदीश पांडेय और माता गंगाजला देवी के यहां जन्मे गुप्तेश्वर पांडेय के दो भाई और एक बहन हैं। गुप्तेश्वर पांडेय की पत्नी चिंता देवी गृहणी हैं। उनके पाँच बच्चे हैं जिसमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं.बेगूसराय में 42 एनकाउंटर हुए थे। उस वक्त श्री पांडे चर्चे में थे।


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