अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण में पूर्व प्राचार्य मर्विन मैसी का नंबर कब?

Share:


सौरभ सिंह सोमवंशी

प्रयागराज


प्रयागराज में इस समय अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण का सिलसिला लगातार जारी है प्रयागराज के फूलपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक अहमद हों या उनके सिपहसालार, इसी तरह भदोही के विधायक विजय मिश्रा हों या ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा हों, इन सबके अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण लगातार जारी है, परंतु क्या कुछ विशेष लोगों को लक्ष्य बनाकर कार्यवाही किया जाना ठीक है प्रयागराज में लाखों की संख्या में ऐसे मकान बने हैं जो पूरी तरह से अवैध है और सरकार को कोई भी टैक्स उनसे नहीं प्राप्त हुआ है और यहां तक की तमाम भवनों को गिराने का आदेश भी हो चुका है परंतु प्रयागराज विकास प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं है इसी तरह का मामला मुट्ठीगंज का है जहां पर इविंग क्रिश्चियन कालेज कटघर मुट्ठीगंज के पूर्व प्राचार्य मरविन मैसी के अवैध मकान के ध्वस्तीकरण के संबंध में एक शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को  समाजिक कार्यकर्ता उदय प्रताप सिंह द्वारा की गई है, शिकायतकर्ता के अनुसार पूर्व प्राचार्य डॉ मरविन मैसी ने 600 वर्ग गज में बने मकान का नक्शा प्रयागराज विकास प्राधिकरण से पास नही कराया गया है। उदय प्रताप सिंह के अनुसार प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा कागज पर श्री मर्विन मैसी के मकान के ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया है और पिछले दो साल से ध्वस्तीकरण की तारीख प्राधिकरण द्वारा नियत की जाती है लेकिन कोई कार्यवाही नही होती है।प्रयागराज विकास प्राधिकरण एव जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नींव खोदने से लेकर एक मंजिला दो मंजिला ही नहीं छः सौ वर्ग गज में बन रहे मकान की बार बार शिकायत की जाती रही लेकिन कभी भी निर्माण कार्य नही रुका जो आज एक भव्य बंगले के रूप में है, इससे प्राधिकरण के अधिकारियों की घोर लापरवाही ही नहीं मिलीभगत भी प्रदर्शित होती है। प्रदेश सरकार द्वारा इस समय माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए उनके व उनके सहयोगियों के अबैध मकानों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है जो कि बहुत ही सराहनीय और जनहित में है, परंतु देखना है कि इविंग क्रिश्चियन कालेज के पूर्व प्राचार्य मर्विन मैसी भी एक भूमाफिया है जो कि करोडो की जमीन कब्जा कर के महल बनवाये हुए है। इसके खिलाफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय और यू0जी0सी0 में शिकायतों का अंबार लगा है और इसी वजह से आज तक इनको न पी यफ का पैसा, न ही अन्य इनके पैसे जो सेवानिवृत्त के बाद मिलता है सब कुछ इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन व केंद्र सरकार के द्वारा रोक दिया गया है। आरोप है कि प्राचार्य रहते अपनी काली कमाई से जमीन कब्जा कर कई करोड़ का बंगला का निर्माण किया गया है जिसमे विदेशी मार्वल के साथ साथ स्वीमिंग पुल  सहित सभी आधुनिक  सुविधाओं से सम्पन्न विश्व स्तरीय साज सज्जा से युक्त वातानुकूलित बंगले का निर्माण कराया गया है और किसी बैंक से कोई हाउसिंग लोन न लिया गया हो और दो चार लाख रुपया विकास प्राधिकरण को जमा कर नक्शा पास न करवाना इस बात को प्रदर्शित करता है कि ये सफेदपोश भूमाफिया और भ्रष्टाचारी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रयागराज में ऐसा भी जिम्मेदार व ईमानदार वर्ग भी है जो एक कमरा भी बनवाता है तो प्रयागराज विकास प्राधिकरण को सभी शुल्क जमा कर नक्शा पास करवा कर मकान बनवाता है  इस तरह की हरकतों से इस वर्ग को क्या संदेश जाएगा कि मर्विन मैसी जैसे लोग बिना नक्शा पास के बनवाते है और इसलिए ये अपमान है जिम्मेदार व ईमानदार वर्ग के लोगो का जो नक्शा पास कराते है।क्या ये लोग अतीक, विजय मिश्र व दिलीप मिश्र आदि जैसे नही है, मर्विन मैसी भी तो इसी कैटेगरी में आते है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मर्विन मैसी के अबैध मकान तो तत्काल ध्वस्त किये जाने की मांग की है । और इसके द्वारा जो मकान बनाया गया मकान बनवाने में पैसा कहा से आया इसकी भी जांच गहनता से करने व उचित कानूनी कार्यवाही की भी मांग की है।प्रयागराज विकास प्राधिकरण शहर में हो रहे ध्वस्तीकरण पर  तालियां भले ही बटोर रहा है, परंतु वास्तविकता यह है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण सरकार को बहुत बड़ा नुक़सान पहुंचा रहा है क्योंकि  जब मकानों का निर्माण होता है तब सरकार को टैक्स नहीं मिलता उसके बाद उन्हीं मकानों को गिराने के नाम पर जनता के टैक्स का पैसा खर्च किया जाता है। परंतु अधिकारी निर्माण के वक्त या तो निष्क्रिय रहते हैं या तो पैसा लेकर निर्माण को होने दिया जाता है और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचता रहता है परंतु अधिकारियों का कोई व्यक्तिगत नुकसान नहीं होता इसलिए वे कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते बड़ा प्रश्न यह है कि प्रयागराज के वे लोग जो इमानदारी से टैक्स भरते हैं प्राधिकरण से नक्शा पास करवाते हैं उनके साथ अवैध निर्माणों को होने देना क्या अन्याय नहीं है।


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *