मगध के इतिहास के विकृति करण का प्रयास असहनीय : के एन त्रिपाठी

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डॉ अजय ओझा।

दया प्रकाश सिन्हा से साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाए।

रांची, 14 जनवरी। भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ से जुड़े लेखक दया प्रकाश सिन्हा के सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से किए जाने पर बिहार की राजधानी पटना में गरम हुए सियासी तापमान की लपटें अब पड़ोसी राज्य झारखंड तक पहुंच गई हैं । झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री तथा इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मगध फाउंडेशन के अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने भारत सरकार से अविलंब कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि दया प्रकाश सिन्हा को प्रदत्त साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाए । ज्ञातव्य हो कि भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ से जुड़े लेखक पूर्व आईएएस अधिकारी दया प्रकाश सिन्हा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी । उनके इस बयान की जदयू एवं राजद के नेताओं ने निंदा करते हुए भाजपा से उन पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग किया है ।

के एन त्रिपाठी, पूर्व मंत्री, झारखंड सरकार तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंटक एवं अध्यक्ष, मगध फाउण्डेशन।

इसी कड़ी में शामिल होते हुए के एन त्रिपाठी ने कहा कि सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करना मगध के स्वर्णिम इतिहास को विकृत करने का प्रयास है जो असहनीय है । उन्होंने कहा कि मगध का एक गौरवमयी अतीत रहा है । चाणक्य और चंद्रगुप्त द्वारा स्थापित मौर्य वंश के महान शासक सम्राट अशोक के शासनकाल को इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं ।
सम्राट अशोक से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ जिसने अखंड भारत- आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जितने बड़े भूभाग पर एकछत्र राज किया हो । सम्राट अशोक के ही समय में कई विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से छात्र उच्च शिक्षा पाने भारत आया करते थे । सम्राट अशोक के शासनकाल में ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माण हुआ । सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार चीन, श्रीलंका, थाईलैंड, वर्मा समेत विश्व के अनेक देशों में किया और भारतीय संस्कृति और विचारधारा का प्रचार प्रसार वैश्विक स्तर तक फैलाया । भारत सरकार सम्राट अशोक के राज चिण्ह अशोक चक्र को भारतीय ध्वज में अंकित किया है । उनके राज्य चिन्ह चार मुखी शेर को भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाया जाता है तथा सत्यमेव जयते भारत सरकार का ध्येय वाक्य है । भारतीय सेना का सबसे बड़ा सम्मान अशोक चक्र भी उनके नाम पर दिया जाता है । ऐसे महान शासक की तुलना औरंगजेब से किया जाना अक्षम्य अपराध है । भारतीय जनता पार्टी अविलंब दया प्रकाश सिन्हा को अपनी पार्टी से बर्खास्त करे एवं उन्हें दिया गया साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मश्री सम्मान वापस ले । अगर वह ऐसा नहीं करती है तो समझा जाएगा कि भाजपा भी उनके इस कुकृत्य में सहयोगी है ।
के एन त्रिपाठी ने कहां बी जे पी की सरकार मगध और भारत को अपमानित करने वालों को पुरस्कृत की है कि मगध फाउंडेशन पूरे देश में घूम कर दया प्रकाश सिन्हा के इस कुकृत्य का विरोध करेगा । दया प्रकाश सिन्हा का यह बयान अशोककालीन मगध क्षेत्र समेत पूरे भारत की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी । भारत सरकार जब तक उन पर कार्रवाई नहीं करती है तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे ।


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