अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एन एस एस के स्वयंसेवक /स्वयंसेवकाएँ भी दुनिया में स्वास्थ्य का संदेश पहुंचाने के लिए कमर कसकर तैयार है
20, जून गोंडा।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एन एस एस के स्वयंसेवक /स्वयंसेवकाएँ भी दुनिया में स्वास्थ्य का संदेश पहुंचाने के लिए कमर कसकर तैयार है। तय हुआ है कि “योग फ्राम होम /परिवार के साथ योग की थीम के साथ गोण्डा में योग दिवस पर नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र सिंह के दिशा निर्देश पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए आज से ही तैयारियां शुरू कर दी है।श्री सिंह ने बताया कि लगभग 4000 छात्र /छात्रायें योग फ्राम होम व पूरे परिवार के साथ लगभग 40000 लोगों को प्रतिभाग कराया जाएगा ।योग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,जिससे हमें वैश्विक महामारी कोरोना से निजात मिल सकती है। कोरोना संक्रमण के बीच इस बार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सभी महाविद्यालय के एन एस एस से जुड़े लोगों द्वारा आयोजित किया जाएगा। शारीरिक दूरी सहित कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपाय अपनाते हुए योग दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं। योग दिवस में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है। शास्त्री डिग्री कॉलेज के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिव शरण शुक्ला ने कहा अंग्रेजी में एक कहावत है, हेल्थ इज़ वेल्थ (health is wealth) यानी स्वास्थ्य ही धन है। अगर स्वास्थ्य अच्छा हो तो धन कभी भी कमाया जा सकता है इसलिए स्वस्थ रहना आवश्यक है कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा शर्मा ने बताया योग पूर्णतः विज्ञान पर आधारित है योग करने से हमारे शरीर की एक एक कोशिका में प्राण वायु ऑक्सीजन पहुंचती है जिससे हमारी उपापचय क्रिया संतुलित होती है और हमारे शरीर का प्रत्येक अंग सुचारू रूप से अपना काम करता है,ज़िंदगी को बेहतर ढंग से जीने के लिए ज़रूरी है कि हम मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहें। इसके लिए योग’ अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ अवधेश वर्मा ने बताया योग में हर बीमारी से बचने का इलाज छुपा है वहीं कार्यक्रम अधिकारी डॉ स्मिता पांडेय एवम डॉ नीलम छाबड़ा ने कहा योग से शरीर, मस्तिष्क और आत्मा का एक साथ मिलन होता है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ पुनीत सिंह ने बताया “योग सिर्फ व्यायाम और आसन नहीं है यह भावनात्मक एकीकरण और रहस्यवादी तत्व का स्पर्श लिए हुए एक आध्यात्मिक ऊंचाई है, जो आपको सभी कल्पनाओं से परे की एक झलक देता है।”कार्यक्रम अधिकारी डॉ लो हंस कल्याणी ने कहा “योग को धर्म, आस्था और अंधविश्वास के दायरे में बांधना गलत है। योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है ।
डॉ जितेंद्र सिंह ने सभी कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा सभी अपने घर पर अपने परिवार के साथ योग करें एवम योग को अपने जीवन का अंग बना लें और प्रतिदिन जीवन का आरम्भ योग से करें।
अमित गर्ग ( ब्यूरो प्रमुख गोंडा )