पक्ष विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का बजट पास

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नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। लोकसभा ने बुधवार को नए बने केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए बजट प्रावधानों को मंजूरी प्रदान कर दी। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी चला। 

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के लिए बजटीय प्रस्तावों और अनुदानों की मांग पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से निर्यात में वृद्धि सहित कई सकारात्मक बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार समाप्त हो गया है और कामकाज में पारदर्शिता आई है।  इस दौरान सीतारमण ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए कोई प्रयास नहीं किया।

वहीं विपक्ष ने सरकार पर अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के बाद से राजनेताओं की हिरासत और राज्य में इंटरनेट और अन्य गतिविधियों पर रोक का मुद्दा उठाया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़े वित्तीय कारोबार पर बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की जारी नजरबंदी का मुद्दा उठाया। वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने पूछा कि क्या कश्मीर एक खुली जेल की तरह है।

मनीष तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा राज्य की विधानसभा में होनी चाहिए। वहीं द्रमुक नेता ए राजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा महज औपचारिकता है क्योंकि यहां लोग कश्मीर से नहीं है।

सरकार की ओर से बचाव करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह सिंह ने जम्मू-कश्मीर की आज की जमीनी वास्तविकता काफी अलग है। उन्होंने दावा किया कि अगस्त से तेज गति से गरीबों के लिए घर बनाए जा रहे हैं। सड़कों और राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है और 50 हजार युवाओं को रोजगार मिला है।

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सौगत राय के खुली जेल के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कश्मीर खुली जेल नहीं है और प्रदेश में पर्यटकों सहित सभी का स्वागत है हालांकि  यह आतंकवादियों के लिए बंद है।

हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुनीत 


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