अग्निपथ लेटेस्ट : तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्णय सुनाया : वापस नहीं होगी योजना, 10 बिंदुओं में जानिए समूचा जानकारी

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जतिन कुमार चतुर्वेदी।

दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन का आज पांचवां दिन है। बीते चार दिनों में प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में ट्रेन के डिब्बों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस दौरान तेलंगाना में एक व्यक्ति की मौत भी हुई। इस बीच तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस दौरान क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें सेना ने कहीं, नीचे पढ़ें-

एक करोड़ रुपये का मिलेगा मुआवजा:
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।

सुविधाएं नियमित सैनिकों जैसी मिलेंगी:
‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

थलसेना में 1 जुलाई से भर्ती प्रक्रिया शुरू:
विरोध प्रदर्शन के बीच सेना ने प्रेस कांफ्रेंस में तीनों सेनाओं भर्ती प्रक्रिया के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। थलसेना ने कहा है कि उसकी भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी।

24 जून को वायुसेना में पहले बैच के लिए प्रक्रिया शुरू:
एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

25 जून को नौसेना जारी करेगी नोटिफिकेशन:
नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारी एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।

वापस नहीं होगी ‘अग्निपथ योजना’:
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए।

निकट भविष्य में 1.25 लाख हो जाएगी अग्निवीरों की संख्या:
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि निकट भविष्य में ‘अग्निवीर’ की संख्या 1.25 लाख हो जाएगी और 46,000 पर नहीं रहेगी जो कि वर्तमान आंकड़ा है।

एफआईआर हुई तो नहीं मिलेगा मौका:
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निवीर बनने के लिए आवेदन करने वाला प्रत्येक उम्मीदवार एक प्रमाण-पत्र देगा कि वह विरोध, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हिस्सा नहीं था। पुलिस सत्यापन 100 प्रतिशत है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है।

फिर देनी होगी मेडिकल परीक्षा:
सेना ने साफ किया है कि दो साल पहले नियमित सेना में भर्ती के लिए मेडिकल परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा मेडिकल परीक्षा से गुजरना पड़ेगा।

‘अग्निवीरों” के लिए उम्र सीमा में तीन साल की छूट:
गुरुवार को केंद्री गृहमंत्रालय ने अग्निवीरों को उम्र सीमा में तीन साल की छूट देने की घोषणा की। उम्र सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी। मंत्रालय ने ट्वीट में घोषणा की कि अग्निवीरों के पहले बैच के लिए उम्र सीमा में छूट पांच साल की होगी।


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