मध्य प्रदेश जिला पंचायत चुनाव: इतनी आवभगत की आदत ना थी
देवदत्त दुबे।
भोपाल । जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव परिणाम आने के बाद जिस तरह से सदस्यों की आवभगत हो रही है, इन सदस्यों को इतने आवभगत की आदत नहीं थी। कोई दूरस्थ गांव से सीधे गोवा पहुंच गए तो कोई मुंबई मै मजे कर रहा है और कुछ तीर्थ यात्रा पर निकल गए हैं जहां ले जाने वाले इनकी हर ख्वाहिश पूरी कर रहे हैं और इधर सदस्यों के गायब होने पर राजनीतिक दलों के नेता एक दूसरे पर बाड़े-बंदी करने के आरोप लगा रहे हैं।
दरअसल जिन लोगों को प्रेमचंद की पंच परमेश्वर कहानी याद होगी, जिसमें जुम्मन शेख और अलगू चौधरी का गजब की मित्रता थी और अलगू पंचायत में इसलिए नहीं आना चाह रहा था कि जुम्मन उसका मित्र है और वह उसे बिगाड़ नहीं सकता। तब खाला ने कहा था कि बेटा क्या बिगाड़ के डर से, ईमान की बात ना कहोगे तब अलगू कोई उत्तर भले भी ना दे पाया हो, लेकिन यह बात उसके कान में गूंजती रही और पंचायत में बोलने से फिर कतराने लगे। तब खाला ने फिर कहा की पंच के दिल में खुदा बसता है, पंचों के मुंह से जो बात निकलती बखुदा की तरफ से निकलती है।
बाद में अलगू सरपंच हुए और उन्होंने न्याय की बात करते हुए जुम्मन के खिलाफ खाला के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन कुछ महीनों के बाद अलगू चौधरी और गांव के ही समझू साहू बीच बैलों के सौदे को लेकर विवाद हो गया और मामला फिर पंचायत में पहुंचा और इस बार जुम्मन सरपंच थे और उन्होंने भी सरपंच का स्थान ग्रहण करते ही न्याय के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अलगू चौधरी के पक्ष में फैसला सुनाया। जिसके बाद चारों तरफ से पंच परमेश्वर की जय और न्याय यह काम मनुष्य का नहीं पंच में परमेश्वर वास करते हैं, यह उन्हें की महिमा है। फैसले के बाद जुम्मन शेख और अलगू चौधरी एक दूसरे के गले लिपटे और दोनों ने कहा की पंच के पद पर बैठकर ना कोई किसी का दोस्त होता है ना दुश्मन। न्याय के सिवा उसे और कुछ नहीं सोचता और मित्रता की मुरझाई हुई लता फिर हरी हो गई।
“सोचो और आज हम पंच परमेश्वर के क्या हाल देख रहे हैं। कैसे शराब और पैसा बांट कर चुनाव जीतने की कोशिश होती हैं और फिर पदों पर बैठकर किस तरह के फैसले लेते हैं”।
बहरहाल एक तरफ जहां जीते हुए जनप्रतिनिधि खासकर जनपद सदस्य की जनपद अध्यक्ष बनने की उम्मीद में आवभगत कर रहे हैं। तो जिला पंचायत सदस्यों की जिला अध्यक्ष बनने की उम्मीद में बाहर की सैर करा रहे हैं। हालांकि ऐसा सभी जगह नहीं है। कुछ जगह ऐसी हैं जहां जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य किसी बड़े नेता की अगुवाई में जीते हैं और उन्हीं के निर्देशन में चुनाव प्रक्रिया भाग लेंगे लेकिन कुछ जगह सदस्यों को उठा ले जाने के आरोप लग रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने छिंदवाड़ा के एक सदस्य का आरोप कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर लगाया और पूछा कि वह जनपद सदस्य कहां है ऐसी और भी घटनाएं हैं। कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है कि वह सरकार के सहारे औरंगाबाद छोरी जीते हुए प्रतिनिधियों को प्रभावित कर रहे है।
जबकि जीते हुए प्रतिनिधि जहां भी गए हैं उनकी अच्छी खासी आवभगत हो रही है कुछ तो यहां तक कह रहे हैं कि इतनी आओ भगत कि हमें आदत नहीं है वैसे यह चार दिनों की चांदनी है जैसे ही अध्यक्षों के चुनाव हो जाएंगे वैसे ही सदस्यों को अपनी स्थिति पता चल जाएगी कि किसी का एहसान लेने की बजाय योगय व्यक्ति के चुनाव के लिए प्रयास करते।