राजा भैया के पिता जी का अद्भभुत है पर्यावरण प्रेम

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प्रयागराज से लखनऊ जाते समय रास्ते में कुंडा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भदरी पड़ता है जहां पर बहुत पुराना एक राजमहल स्थित है एक समय इस राजमहल में तत्कालीन राजा बजरंग बहादुर सिंह के द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध की रणनीतियां बनाई जाती थी, आज पर्यावरण दिवस पर हम इसकी चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्यों कि कभी राष्ट्रीय राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रह चुका ये राजमहल परंतु आज अपने पर्यावरण प्रेम के लिए जाना जाता है।

आज उस राजभवन और पूरे क्षेत्र की जिम्मेदारी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय राजा बजरंग बहादुर सिंह के भतीजे और प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पूज्यनीय पिता भदरी नरेश के नाम से विख्यात राजा उदय प्रताप सिंह के कंधों पर है। राजा उदय प्रताप सिंह पूरे क्षेत्र ही नहीं जबकि पूरे उत्तर प्रदेश में अपने पर्यावरण प्रेम के प्रति जाने जाते हैं। भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह के अंतर्गत आने वाले पूरे क्षेत्र में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों पर अर्थदंड लगाया जाता है इसके अलावा भदरी रियासत के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में तेज हार्न बजाने की भी मनाही है। ऐसा करने वाले पर सख्त कार्यवाही की जाती है और अर्थदंड लगाया जाता है और उस अर्थदंड का प्रयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जाता है।

राजा उदय प्रताप सिंह के पर्यावरण और जीव जंतुओं के प्रति प्रेम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस क्षेत्र में थोड़ी थोड़ी दूर पर एक बोर्ड लगा है जिसमें लिखा है कि “सावधान हार्न बजाना मना है” इसके अलावा भदरी रियासत के अंतर्गत आने वाले समस्त तालाबों के किनारे “साइकिल धुलना मना है” ऐसा लिखा हुआ देखा जा सकता है , क्यों कि क्षेत्र के जानवर इन तालाबों का पानी पीते हैं। राजा उदय प्रताप सिंह प्रत्येक वर्ष बरसात के काल में वृक्षारोपण का कार्यक्रम करवाते हैं ।इसके अलावा उन्होंने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए “प्रकृति” नामक संस्था की स्थापना की है और इसी संस्था के बैनर तले पर्यावरण सुरक्षा का काम किया जाता है । राजा उदय प्रताप सिंह के साथ रहने वाले उनके प्रतिनिधि निर्भय सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े महाराज ने एक टीम बनाई है जो पेड़ पौधों को काटने वालों की जानकारी महाराज तक पहुंचाती है और उन लोगों के ऊपर ₹50 से लेकर ₹50000 तक का जुर्माना लगाया जाता है राजा उदय प्रताप सिंह अपने भदरी के राजमहल में अंदर भी बहुत सारे पेड़ पौधों वृक्षों के साथ बहुत आनंद महसूस करते हैं । इसके अलावा राजमहल के अंदर भी वृक्षों को काटने की सख्त मनाही है।राजा उदय प्रताप सिंह ने भारत के प्रतिष्ठित दून स्कूल के अलावा जापान विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया है वह बड़े पर्यावरण के प्रेमी के रूप में जाने जाते हैं ।भदरी रियासत के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पेड़ नहीं काट सकता है इसके अलावा बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सरकारों ने पालीथीन पर प्रतिबंध लगाने में भले ही देर कर दी हो परंतु 25से 30वर्ष से भदरी के किसी बाजार में पालीथीन की मनाही है। किसी भी बाजार में पॉलिथीन की बिक्री नहीं होती है। कहा जाता है कि पर्यावरण के प्रेमी राजा उदय प्रताप सिंह प्रकृति नामक संस्था के माध्यम से पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया करते हैं।

कौन हैं राजा उदय प्रताप सिंह?

राजा उदय प्रताप सिंह प्रतापगढ़ के भदरी रियासत के राजा हैं, भदरी रियासत 14 कोस यानी 43 किलोमीटर की परिधि में फैली हुई है। राजा उदय प्रताप सिंह के पिता त्रिलोचन सिंह थे। उनके बड़े भाई राजा बजरंग बहादुर सिंह ने राजा उदय प्रताप सिंह को गोद लिया था ।बजरंग बहादुर सिंह हिमाचल प्रदेश के गवर्नर और पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति भी रह चुके थे। बजरंग बहादुर सिंह भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन में शामिल रह चुके थे। उन्होंने ही हिंद फ्लाइंग क्लब की स्थापना की थी जिस पर बाद में चलकर लखनऊ का अमौसी एयरपोर्ट बना । आजादी के पहले ही उनके पास चार हवाई जहाज थे। राजा उदय प्रताप सिंह के सुपुत्र कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया उत्तर प्रदेश की 5 सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं इसके अलावा वह 1993 से लगातार कुंडा से निर्दलीय विधायक चुने जाते रहे हैं। उन्होंने पिछले वर्ष अपने राजनीतिक दल जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठन किया है। राजा उदय प्रताप सिंह प्रतिदिन प्रयागराज लखनऊ मार्ग पर कुंडा हरनामगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए जलपान की व्यवस्था कराते हैं इसके लिए उन्होंने 15 व्यक्तियों की नियुक्ति भोजन बनाने के लिए और वितरण के लिए 75 व्यक्तियों की नियुक्ति की है। इसके अलावा आटा गूंथने की मशीन, सब्जी काटने की मशीन, और रोटी बनाने तक की मशीन भदरी राजमहल में उपलब्ध है। राजा उदय प्रताप सिंह सदैव राजनीति से दूर रहना पसंद करते हैं हालांकि उनके सुपुत्र रघुराज प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति के धुरी रह चुके हैं।

सौरभ सिंह सोमवंशी (पत्रकार)


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