मनरेगा योजनान्तर्गत कूप निर्माण में सरकारी राशि का दुरूपयोग करने के 10 आरोपियों के विरूद्ध ए सी बी करेगा जांच

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डॉ अजय ओझा।


चार अभियंता, मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, लाभुक एवं अन्य पर गबन का आरोप

रांची, 25 नवंबर । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो जांच संख्या-01/2017 दिनांक 25.01.2017 (हजारीबाग प्रमण्डल) में मनरेगा योजनान्तर्गत कूप निर्माण में सरकारी राशि का दुरूपयोग करने संबंधी 10 आरोपियों के विरूद्ध विभागीय संकल्प संख्या-1623 दिनांक 07.08.2015 की कंडिका-22 के प्रावधान एवं Prevention of Corruption (Amendment) Act, 2018 के Sec 17A (1)(b) में वर्णित प्रावधानानुसार प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने की अनुमति भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया है।

*नल कूप का निर्माण किए बिना राशि निकासी का आरोप*

जाँचकर्त्ता द्वारा जाँचोपरान्त उल्लेख किया गया है कि चतरा निवासी बसंत सिंह एवं नरेश सिंह के नाम से दो कूप निर्माण की योजना थी, परन्तु एक ही कूप निर्माण कर दोनों कूप की राशि निकासी कर सरकारी राशि का गबन किया गया है तथा यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित होता है कि नरेश सिंह के नाम से कूप निर्माण के नाम पर मुखिया, पंचायत सेवक एवं कनीय अभियंता मिलीभगत कर 58,280 रूपये की सरकारी राशि की निकासी कर गबन कर लिया गया। उक्त योजनाओं की जांच से स्पष्ट है कि स्थल पर बिना कार्य कराये ही 2,65,299 रूपये सरकारी राशि का निकासी कर बन्दरबांट कर गबन किया गया है, जिसके लिये प्रेमचन्द्र पाण्डेय, लाभुक, विशुन उराँव, रोजगार सेवक, नरेश हजाम, पंचायत सेवक, विवेक कुमार, पंचायत सेवक, संजु देवी, मुखिया, मिथिलेश सिंह उर्फ राकेश सिंह, सामग्री आपूर्तिकर्त्ता (वर्तमान मुखिया, सीमा पंचायत, चतरा), केदार सिंह, कनीय अभियंता, राजेश कुमार, कनीय अभियंता, संजय सिंह, सहायक अभियंता, तारणी मंडल, कार्यपालक अभियंता, एन.आर.ई.पी. एवं अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का साक्ष्य पाया गया।


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