जौनपुर में आज पत्रकार एकता संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को सौंपा गया ज्ञापन

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जतिन कुमार चतुर्वेदी।

जौनपुर- पत्रकारों के अधिकारों और अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए पत्रकार एकता संघ हमेशा तत्पर है। संस्थापक जुनेद सानी, राष्ट्रीय अध्यक्ष केडी सिंह तथा प्रदेश अध्यक्ष मयंक सैनी के निर्देश पर प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा तथा वाराणसी मंडल अध्यक्ष रामनरेश प्रजापति ने संयुक्त रुप से केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को 17 सूत्री ज्ञापन सौंपा। वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री ने पत्रकार एकता संघ के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि उनके स्तर पर जो भी संभव हो सकेगा जरूर करेंगी ।

सौंपे गए ज्ञापन में केंद्रीय मंत्री का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय से लेकर सभी सरकारें इस बात को स्वीकार करती हैं कि स्वस्थ लोकतंत्र के निर्माण में देश का चतुर्थ स्तंभ पत्रकारिता का कितना योगदान है।यह बात भी पूर्ण रूप से सर्व समाज द्वारा स्वीकार की जाती है कि मीडिया सरकार ,प्रशासन और समाज को सच का आईना दिखाने का कार्य करता है जिससे लोकतंत्र का अस्तित्व बरकरार है। पत्रकार पीड़ितों ,दबे कुचले और शोषित लोगों की आवाज उठाने और शासन- प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य करता है जिससे उन्हें न्याय मिलता है यहां तक की मीडिया सरकार का तीसरा नेत्र भी है लेकिन इसके बावजूद पत्रकारों पर सरकार,प्रशासन और अराजक तत्वों द्वारा ज्यादती हो रही है।

17 सूत्री प्रमुख मांगों में मुख्य रूप से पूरे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, पत्रकारिता को सरकार और प्रशासन से मुक्त रखने, पत्रकारिता को न्यायालय के अधीन करने या न्यायालय के आदेश पर ही गिरफ्तारी,भत्ता, रेल एवं रोडवेज की निशुल्क यात्रा,पत्रकार आयोग बनाने,हर जिले में पत्रकार भवन एवं सेमिनार के लिए सभागार बनवाने,पत्रकारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने,60 वर्ष के बाद आजीवन संतोषजनक पेंशन देने, आकस्मिक दुर्घटना पर सरकारी या प्राइवेट किसी भी अस्पताल में निशुल्क इलाज तथा मृत्यु के बाद पत्नी व बच्चों को सरकारी नौकरी,आकस्मिक दुर्घटना में अपंगता और मृत्यु दोनों स्थितियों में मुआवजा,प्रधानमंत्री आवास, साक्ष्य के आधार पर खबरों का संज्ञान लेने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के लिए एक आयोग बनाने जिससे खबरों की संख्या पर कार्यवाही अनिवार्य हो, सर्च ऑपरेशन के लिए स्वतंत्रता, अधिकृत सक्षम अधिकारी द्वारा ही प्रेस कार्ड की जांच हो, पत्रकारिता एक समाज सेवा है इसलिए निशुल्क शिक्षा नीति लागू हो। समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल को बैन करने का अधिकार केवल न्यायालय अथवा प्रेस काउंसिल आफ इंडिया को होना चाहिए क्योंकि सच्चाई उजागर होने पर द्वेष की भावना से सरकारें बैन लगा देती हैं।पत्रकार समाज सेवक है इसलिए देश के हर राज्यों के हर जिले और तहसीलों में निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था हो। इस मौके पर उपस्थित रहे। मंडल मीडिया प्रभारी शिवम सिंह,डीके अग्रहरी तथा मनोज सिंह आदि पत्रकार एकता संघ के समस्त पदाधिकारी व पत्रकार साथी मौजूद रहे।


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