एक सप्ताह में सुनिश्चित करायें 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया-योगी आदित्यनाथ

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कहा, शिक्षक भर्ती प्रकरण में राज्य सरकार का पक्ष और रणनीति सही हुई साबित

लखनऊ, 07 मई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में कोर्ट के निर्णय को लेकर एक सप्ताह के भीतर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कोर्ट के निर्णय से शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे प्रदेश के विद्यालयों को योग्य शिक्षक मिलेंगे। कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक भर्ती के प्रकरण में राज्य सरकार का पक्ष और रणनीति सही थी।
न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार को कटऑफ अंक बढ़ाने के योगी सरकार के फैसले को सही बताया। कोर्ट ने प्रदेश सरकार के निर्धारित मानकों के आधार पर परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 69000 पदों पर 60 एवं 65 प्रतिशत न्यूनतम उत्तीर्णांक के आधार पर परीक्षाफल घोषित किये जाने का आदेश पारित किया है। 
सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने को विभाग पूरी तरह तैयार
प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने गुरुवार को बताया कि अब उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित अवधि में सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया के पूर्ण होने से बेसिक शिक्षा विभाग को 69000 शिक्षक मिलेंगे। सहायक अध्यापक भर्ती से 69000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। 
06 जनवरी, 2019 को हुई थी परीक्षा आयोजित
प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 69000 पदों पर भर्ती किये जाने का निर्णय किया। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा कराये जाने के लिए 01 दिसम्बर 2018 को शासनादेश जारी किया गया। इस कड़ी में 05 दिसम्बर 2018 को सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञप्ति जारी की गयी। इसे बाद 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए  06 जनवरी, 2019 को परीक्षा का आयोजन किया गया।
सामान्य 65 प्रतिशत, आरक्षित वर्ग के 60 प्रतिशत अंक था उत्तीर्णांक 
परीक्षा के बाद शासनादेश 07 जनवरी 2019 द्वारा सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए न्यूनतम उत्तीर्णांक घोषित किया गया। इसमें सामान्य वर्ग 65 प्रतिशत 97/150 (अंक) एवं अन्य पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए उत्तीर्णांक 60 प्रतिशत अर्थात 90/150 (अंक) निर्धारित किया गया। 
सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट गये थे शिक्षामित्र, पक्ष में हुआ फैसला
शासनादेश के न्यूनतम उत्तीर्णांक घोषित किये जाने के विरोध में शिक्षामित्रों ने उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में अनेक रिट याचिकाएं दायर की। जिनको एक साथ कोर्ट ने 29 मार्च 2019 को याचियों के पक्ष में निस्तारित किया और सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2018 में निर्धारित न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 एवं 45 प्रतिशत के आधार पर परीक्षाफल घोषित किये जाने का निर्णय पारित किया। 
फैसले के विरोध में सरकार ने दायर की विशेष अपील
उच्च न्यायालय के 29 मार्च 2019 को पारित आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विशेष अपील दायर की। इस अपील के साथ अन्य योजित विशेष अपीलों को बुधवार को कोर्ट ने निस्तारित किया, जिसमें एकल न्यायाधीश के आदेश को निरस्त किया गया। इसके साथ ही सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए 60 एवं 65 प्रतिशत न्यूनतम उत्तीर्णांक के आधार पर परीक्षाफल घोषित किये जाने का आदेश पारित किया। 
चार लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा
गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में कुल 4,30,000 अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था, जिसमें 4,10,400 अभ्यर्थी परीक्षा में उपस्थित हुए थे। 


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