उम्र 105 और याद है गीता के 700 श्लोक

Share:

105 वर्षीया रतनबाई निरक्षर हैं लेकिन उन्हें गीता के 700 श्लोक याद है। वह राजस्थान के रावतभाटा के चारभुजा में रहती हैं। वह कभी स्कूल नहीं गईं, पढ़ी लिखी नहीं हैं फिर गीता के 700 श्लोक उन्होंने कैसे याद किए ?
रतनबाई २५ साल की उम्र में चारभुजा मंदिर गईं और उन्होंने वहां गीता के श्लोक सुने जो उन्हें बहुत पसंद आए। उनकी इच्छा इन्हें याद करने की थी पर करें तो कैसे। श्लोक वह पढ़ तो नहीं पाएंगी। उन्होंने एक तरकीब निकाली और रोज मंदिर जाने लगीं। वहां श्लोक सुनकर धीरे धीरे उन्हें याद करने लगीं। ऐसा करते करते आज उन्हें गीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोक याद हैं। वह दूसरों को श्लोक सुनाती भी हैं और इसका अर्थ भी समझाती हैं।
इस उम्र में उन्हें कम सुनाई देता है और आंखों से कम दिखता है लेकिन वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। आज भी वह रोज चारभुजा मंदिर तक पैदल जाती हैं और सीढ़ियां चढ़कर भगवान के दर्शन करती हैं। क्या यही भगवान के प्रति आस्था है।


Share: