हर खेत तक पानी पहुंचाएगी योगी सरकार

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*दशकों से लंबित सिचाईं परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बजट में मिला भरपूर धन*
*ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था*
*18 फरवरी, लखनऊ।* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा है ‘पर ड्राप मोर क्राप’। इसका मकसद हर खेत तक पानी पहुंचाना है। उपलब्ध पानी का अधिकतम उपयोग हो इसके लिए सरकार का जोर इस बार के बजट में भी देखने को मिला। योगी सरकार की मंशा मौजूदा वित्तीय वर्ष में दशकों से लंबित सरयू नहर, मध्य गंगा नहर, द्वितीय चरण तथा अर्जुन सहायक परियोजनाओं को पूरा करना  है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर हर खेत तक पानी पहुंचेगा। इसके मद्देनजर सरकार ने बजट में इन योजनाओं के लिए भरपूर पैसे का प्रावधान किया है। 
खेतों की प्यास बुझाने के साथ ही सरकार की प्राथमिकता लोगों खासकर ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेजयल उपलब्ध कराने की भी है। इसके लिए बजट में 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
*सरयू नहर के लिए 1736 करोड़ रुपये*उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार के बजट में जल शक्ति एवं नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के लिए भारी भरकम रकम की व्यवस्था की है। वर्षों से लंबित सरयू नहर परियोजना हेतु 1 हजार 554 करोड़ रुपये, मध्य गंगा नहर, द्वितीय चरण हेतु 1 हजार 736 करोड़ रुपये तथा अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 252 करोड़ 65 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं राजघाट नहर परियोजना, वॉटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना तथा कनहर सिंचाई परियोजना हेतु क्रमश: 393 करोड़ रुपये, 296 करोड़ रुपये तथा 200 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। इसके अलावा बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी परियोजनाओं हेतु 966 करोड़ रुपये तथा नहरों की क्षतिग्रस्त पक्की संरचनाओं के निर्माण कार्यों हेतु 300 करोड़ की व्यवस्था की गई है। 
*जल संचयन पर जोर*नि:शुल्क बोरिंग योजना, मध्यम गहरे नलकूप योजना तथा गहरी बोरिंग योजना को समेकित रूप से मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के नाम से क्रियान्वित किये जाने के लिए 216 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में बढ़ती हुई जनसंख्या के भविष्य की जल आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 01 हेक्टेयर से 05 हेक्टेयर के तालाबों को पुनर्विकसित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत वर्षा जल संचयन के लिये 48 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक “हर खेत को पानी’’ के अन्तर्गत प्रदेश के 18 जनपदों के 69 विकासखण्डों जिनमें 750 मिलीमीटर से अधिक वर्षा होती है, वहां बोरिंग के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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