ममता के गढ़ में अमित शाह का जन सभा, बड़ा राजनीतिक विस्फोट होने की संकेत

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आज कोलकाता में अमित शाह की जनसभा, विरोध की तैयारी में माकपा-कांग्रेस

ममता में अब बदलाव के संकेत

कोलकाता, 01 मार्च (हि.स.)। गृह मंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह की पहली जनसभा आज यानी रविवार को कोलकाता में होगी। यहां शहीद मीनार मैदान में दोपहर 2:30 बजे से वे जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा का दावा है कि एक लाख लोग इस जनसभा में शामिल होंगे। रविवार सुबह से शहीद मीनार और आसपास क्षेत्र को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है। एनएसजी की टीम ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया है और राज्य पुलिस संग समन्वय बनाकर काम कर रही है। जनसभा को केंद्र कर कोलकाता में राजनीतिक हलचल तेज है। सुबह से हावड़ा, सियालदह, कोलकाता आदि स्टेशनों से बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता शहीद मीनार मैदान की ओर रैली की शक्ल में बढ़ रहे हैं।

अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए विरोध में उतरेगी माकपा

इधर माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी धर्मतल्ला में एकजुट होने लगे हैं। धर्मतल्ला में माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट होकर अमित शाह के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसलिए किसी भी टकराव को टालने हेतु पुलिस बैरिकेडिंग कर चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा और माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने पूछा है कि जब 30 मार्च तक हाईकोर्ट के निर्देश पर पूरे कोलकाता समेत राज्यभर में माइक बजाने पर प्रतिबंध है, तब इस जनसभा की अनुमति राज्य सरकार ने कैसे दी और उसमें माइक लगाने की अनुमति भी क्यों दी गई? दोनों पार्टियों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा और तृणमूल में सांठगांठ है। इसलिए दो दिन पहले ममता भुनेश्वर जाकर शाह के साथ बैठक की। तृणमूल ने माकपा और कांग्रेस के इन आरोपों को दरकिनार कर दिया है। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपने कार्यक्रमों को करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। बंगाल में इन अधिकारों को सुरक्षित रखा जा रहा है। इधर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने चेतावनी दी है कि अगर अमित शाह के काफिले अथवा जनसभा में आने वाले लोगों की राह में सीधे तौर पर कोई भी बाधा डालेगा तो भाजपा के कार्यकर्ता उसका जवाब मजबूती से देंगे। इसलिए अमित शाह के इस दौरे को केंद्र का टकराव की आशंका बनी हुई है।

भाजपा कार्यकर्ता पूरे तैयारी के साथ उतरेगी

रविवार का दिन होने के कारण कोलकाता जाने वालों की भीड़ कम होगी इसलिए आम लोगों को बहुत अधिक परेशानी होने की संभावना नहीं है। भाजपा सूत्रों के अनुसार 11:30 बजे अमित शाह कोलकाता पहुंच जाएंगे। सबसे पहले राजारहाट में एनएसजी के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। दोपहर 2:30 शहीद मीनार में जनसभा को संबोधित करने के लिए आएंगे। यहां नागरिकता अधिनियम को पारित कराने के आभार स्वरूप प्रदेश भाजपा की ओर से उन्हें सम्मानित किया जाएगा। पश्चिम बंगाल बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है और यहां बड़ी संख्या में ऐसे गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं जो पिछले कई दशक से नागरिकता का इंतजार कर रहे थे। इसलिए नागरिकता अधिनियम का लाभ बंगाल के शरणार्थियों को होगी। इसीलिए कोलकाता में अमित शाह को सम्मानित करने का कार्यक्रम प्रदेश भाजपा ने बनाया है। जनसभा के बाद अमित शाह कालीघाट स्थित शक्तिपीठ में पूजा करने हेतु शाम 3:45 बजे जाएंगे। फिर 5:30 बजे के बाद शीर्ष भाजपा नेताओं संग राजारहाट के होटल में सांगठनिक बैठक करेंगे। फिर शाम को वह दिल्ली लौटेंगे।

माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती के लिए इमेज नतीजे

सुजन ने ममता बनर्जी को बताया संघ की दुर्गा, अमित शाह को वापस लौटने की सलाह

माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने अमित शाह के दौरे के विरोध में जादवपुर इलाके में निकाली गई रैली का नेतृत्व किया। यहां एक बार फिर उन्होंने ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया और दावा किया कि ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दुर्गा है। उन्होंने कहा कि अमित शाह पर गुजरात दंगे में शामिल होने के आरोप हैं। गुजरात और दिल्ली में जो भी हिंसा हुई है उसमें उनकी भूमिका संदिग्ध है। ऐसे व्यक्ति के बंगाल में आने से यहां की सद्भावना नष्ट होगी। सुजन ने कहा कि बंगाल की पहचान पूरी दुनिया में सद्भावना और एकता के लिए है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसे बर्बाद करने पर तुली हुई है और इसमें मदद कर रही हैं ममता बनर्जी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी संघ के साथ मिलकर काम करती हैं। अमित शाह की सभा को अनुमति देकर सरकार ने बंगाल वासियों को धोखा दिया है। सुजन चक्रवर्ती ने चेतावनी दी कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय माकपा और कांग्रेस ने भारी विरोध किया था उसी तरह से अमित शाह का भी विरोध होगा। उन्हें वापस लौटना होगा। चक्रवर्ती के साथ सैकड़ों की संख्या में माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए। उनके हाथों में नागरिकता अधिनियम, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ बैनर और पोस्टर थे। सारे लोग अमित शाह गो बैक के नारे लगा रहे थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा


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