सरकारी आवास खाली कराने को लेकर हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से मांगा हलफनामा

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प्रयागराज, 03 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबादले या सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा सरकारी आवास खाली कराने की सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत अनुपालन रिपोर्ट के साथ मुख्य सचिव से 5 फरवरी तक हलफ़नामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट आदेश का अनुपालन करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय।
कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक व जिलाधिकारी प्रयागराज से राजकीय इंटर कालेज प्रयागराज में विपक्षी बिन्दू यादव साहित्यिक सहायक प्रवक्ता के अवैध कब्जे को न हटाने का कारण बताने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि कब्जा खाली कर याची को नहीं सौंपा गया तो सचिव,व निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं जिलाधिकारी अगली सुनवाई की तिथि 5 फरवरी को कोर्ट में हाजिर हो। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी ने जीआईसी प्रयागराज के सहायक अध्यापक रमेश चंद्र वर्मा की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आदर्श सिंह ने बहस की। 
याची का कहना है कि उसे 16 मई 2017 को सरकारी आवास आवंटित हुआ। किन्तु विपक्षी बिन्दू यादव द्वारा अवैध कब्जे के कारण उसे कब्जा नहीं मिला। सचिव, निदेशक, अपर निदेशक ने कई बार खाली करा कर याची को कब्जा सौंपने का डीएम व नगर आयुक्त को निर्देश दिया, किन्तु पालन नहीं किया गया। एक अन्य केस राकेश कुमार में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकारी आवास खाली कराने के लिए गाइड लाइन जारी की गयी है।
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जाना गंभीर मामला है। दो साल से अधिक समय तक अवैध कब्जे को खाली न कराना नियमों का उल्लंघन है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से इस संबंध में हलफ़नामा मांगा है।           
हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/राजेश


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