विश्व शौचालय दिवस पर सुलभ ग्राम में छात्र-छात्राओं ने बनाई मानव श्रृंखला
विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर सुलभ इंटरनेशनल के तत्वावधान में राजाधानी दिल्ली में सुलभ ग्राम में आयोजित कार्यक्रम में मंगलवार को छात्र-छात्राओं ने एक बड़ी मानव श्रृखंला बनाई। इस अवसर पर जाने माने समाज सुधारक और सुलभ स्वच्छता आंदोलन के संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक ने कार्यक्रम में स्वयंसेवको से हाथ मिलाया और उपस्थित बच्चों को स्वच्छता के प्रति सजग रहने को कहा।पाठक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व शौचालय दिवस उन सभी लोगों के बारे में जागरुकता बढ़ाने का दिन है, जिनके पास शौचालय की पहुंच नहीं है। सुलभ संस्थापक ने इस अवसर पर कहा कि ‘एक शौचालय सिर्फ एक शौचालय नहीं है। यह एक जीवन रक्षक, गरिमा-रक्षक और अवसर-निर्माता है। हम जो भी हैं, जहां भी हैं, स्वच्छता हमारा मानव अधिकार है। इसके बावजूद आज 4.2 बिलियन लोग सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के बिना रहते हैं।’डॉ पाठक ने कहा कि बिना स्वच्छता के कोई कैसे खुद को गरीबी से बाहर निकाल सकता है। हमें सुरक्षित शौचालयों तक पहुंच का विस्तार करना चाहिए और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। विश्व शौचालय दिवस-2019 का विषय ‘कोई भी पीछे नहीं रहा’ है, जो कि 2030 का केंद्रीय वादा भी है।बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि विश्व शौचालय दिवस 2019 के अवसर पर सुलभ संसार में हमें लगता है कि यह निश्चित रूप से उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक अच्छा मौका है। इस तथ्य के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए कि दुनिया में 2.6 बिलियन लोगों तक अभी भी उचित स्वच्छता तक पहुंच की कमी है। उन्होंने कहा कि विश्व शौचालय दिवस भारत में एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। खासतौर पर बच्चों और महिलाओं के लिए। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी और चित्रकला प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर