राजस्व विभाग ने जिन्हें बसाया, उन्हें उजाड़ने पर आमादा वन विभाग पर भड़के मंत्री

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रायगढ़ 19 जनवरी 2020 (हि.स.) सारंगढ़ के कमलानगर में वन विभाग द्वारा नोटिस देकर मकानों को तोड़े जाने और अपराध दर्ज किये जाने की चेतावनी के खिलाफ सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण मालाकार की मोर्चाबंदी को अब उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का भी वरदहस्त प्राप्त हो गया है। 
राजधानी रायपुर में कल उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को जब कमलानगर के बाशिंदों ने अपनी पीड़ा से अवगत कराया तो उन्होंने एक स्वर में प्रशासन से जानकारी ली कि उक्त भूमि अगर वन विभाग की है तो राजस्व विभाग ने उसमें कैसे भू-राजस्व अधिकार पत्र बांटा? ऐसे मे अब वन विभाग क्यों कमलानगर के बाशिंदों को उजाड़ने की धमकी दे रहा है? उच्च शिक्षा मंत्री के इस तेवर को देखकर प्रशासन को भी जवाब देना मुश्किल हो रहा है। दरअसल सारंगढ़ के वार्ड क्रमांक 11 में जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद अभी छिड़ा हुआ है। वन विभाग इस जमीन को अपना जमीन बताकर यहा पर वर्षों से निवासरत 400 से भी अधिक परिवारों को उजाड़ने की धमकी दे रहा है और नोटिस देकर कब्जा खाली करने की चेतावनी दे रहा है। इनके खिलाफ वन अपराध के तहत मामला भी दर्ज करने के लिए नोटिस जारी कर रहा है। इस कार्यवाही और भयपूर्ण वातावरण के खिलाफ 400 से अधिक परिवारों ने वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और राजस्व विभाग से यहां पर आश्रय योजना के तहत अन्य परिवारों को भी भू-अधिकार पत्र देने की मांग की है। 
इस बीच वन विभाग द्वारा यहां पर निवासरत लोगों को नोटिस दिया गया कि यह भूमि वन विभाग की है तथा यह गोमर्डा अभ्यारण्य के अर्न्तगत आता है तथा इस संरक्षित वन भूमि पर अवैध कब्जा को तुरंत हटाकर जगह खाली की जाये। यहां के निवासियों को वन अपराध के तहत मामला पंजीबद्ध करने की धमकी दी जा रही है। एक बात यहां पर विशेष है कि इस भूमि पर बने मकानों के रहवासियों के लिए नागरिक सुविधाएं देने को नगर पालिका सारंगढ़ द्वारा लगभग 10 करोड़ रुपये के सीसी रोड, मुक्तिधाम, पानी टंकी और नाली का निर्माण कराया गया है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर जमीन वन विभाग की है तो सरकारी एजेंसी नगर पालिका को काम क्यों करने दिया गया? अब जब सब काम संपन्न हो गया तो अचानक वन विभाग क्यों नोटिस देकर तोड़ने की धमकी दे रहा है। इन सवालों का जवाब देने के स्थान पर वन विभाग द्वारा नोटिस देकर कब्जा खाली करने की चेतावनी दी जा रही है। 
इस कार्रवाई से खफा कमलानगर के निवासियों ने अपनी व्यथा सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े को बताई, जहां पर उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करेंगी और भू-अधिकार पत्र देने की मांग करेंगी। उनके इस आश्वासन के ही अर्न्तगत 16 जनवरी को कमलानगर के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करनी चाही किन्तु स्वास्थ्यगत परेशानी के कारण से मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात नहीं हो पाई।इसके कारण उन्होंने अपनी व्यथा उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को बताई, जहां पर फोन पर सारंगढ़ एसडीएम से चर्चा कर उच्च शिक्षा मंत्री ने इस बात की जानकारी ली कि उक्त भूमि पर क्या राजस्व विभाग ने भू-अधिकार पट्‌टा दिया है? इसका जवाब हां में मिलने के बाद उन्होंने साफ कहा कि वन विभाग और राजस्व विभाग पहले तय करें कि यह जमीन किसकी है? उसके बाद ही कार्यवाही आदि पर आगे निर्णय होगा। राजस्व विभाग इस भूमि पर भू-अधिकार पट्‌टा बांट रहा है और नगर पालिका सरकार की सहमति से करोड़ों रुपये का खर्च विकास कार्य के नाम पर यहां कर रही है। ऐसे में इस जमीन से उजाड़ने का वन विभाग का अभी का फरमान क्यों और कैसे सामने आया? 
बहरहाल सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े की पहल और जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरुण मालाकार का पूर्ण समर्थन का वादा और अब उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का भी साथ मिलने से कमलानगर के वाशिंदों ने राहत की सांस ली है। वे जल्द ही इस मामले में 400 से अधिक परिवारों के हक में फैसला आने की उम्मीद कर रहे हैं। 
हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान


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