राइस पुलर के नाम पर ठगी,सात गिरफ्तार
मुंबई 23 फरवरी( हि स)।मंहगी धातु में निवेश और उसकी बिक्री से होने वाले मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों से ठगी करने वाले एक और ‘राइस पुलर’ गिरोह का मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने भंडाफोड़ किया है। आरोपी खुद को वैज्ञानिक और सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे। मामले में मिली शिकायत के बाद पुलिस ने मालाड के मढ इलाके में स्थित एक बंगले पर छापा मारा और सात आरोपियों के साथ ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाला समान बरामद किया। मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार आरोपियों के नाम साबित कुमार दास, मनीष मित्तल, संजय चौधरी, उत्तम माडवी, निजर अहमद रहमान, सुधीर ठाकुर, नीलेश दलवी हैं। आरोपियों ने कितने लोगों के साथ इस तरह ठगी की है इसकी जांच की जा रही है। बता दें कि कुछ महीने पहले भी पुलिस ने लोगों से 8 करोड़ रुपए की इसी तरह ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया था। मामले में शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें बताया कि उनकी टाइनस इंटरनेशनल एंटीक एंड मेटल्स प्रायवेट लिमिटेड नाम की कंपनी है। यह कंपनी कॉपर इरेडियम नाम की एक बहुमूल्य प्राधीन धातु खरीदती है और उसे नासा, इसरो, डीआरडीओ, बीएआरसी जैसी संस्थाओं को बेचते हैं। आरोपियों ने बताया कि विशेष गुणों के कारण इस धातु का इस्तेमाल सैटेलाइट बनाने में किया जाता है। धातु कितनी पुरानी है और इसकी क्या कीमत होगी इसकी पहचान इस बात से होती है कि वह कितनी दूर से चावल खींच लेती है। एक इंच से चावल खींचने पर धातु की कीमत 6 से 7 हजार करोड़ होती है और अगर यह 5 इंच दूर से चावल खींच ले तो इसकी कीमत 30 से 35 हजार करोड़ रुपए होती है। आरोपिओं ने शिकायतकर्ता से मोटे मुनाफे का वादा कर 25 लाख रुपए का निवेश करने के लिए तैयार कर लिया। इसमें से 10 लाख रुपए लेकर उन्हें धातु द्वारा चावल खींचने का नमूना भी दिखाया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने नमूना दिखाने के लिए जिस चावल का इस्तेमाल किया उसमें खास लेप लगाए गए थे और जिस धातु से झांसा दिया गया उसमें चुंबक का इस्तेमाल किया गया। भरोसा जीतने के लिए आरोपियों ने डीआरडीओ, बीएआरसी जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के फर्जी सर्टिफिकेट भी दिखाए
हिन्दुस्थान समाचार / ज्योति