मोहन भागवत ने सुनाई एक जेबकतरे के ह्रदय परिवर्तन की कहानी
नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मंगलवार को एक सच्ची घटना बयान की कि किस प्रकार अयोध्या जा रहे कारसेवकों के समूह में शामिल एक जेब कतरे का हृदय परिवर्तन हो गया तथा अयोध्या से वापस लौटने के बाद उसने अपना धंधा छोड़कर मेहनत से रोजी रोटी कमाने का फैसला किया।
संघ प्रमुख ने कहा कि कार सेवा के लिए अयोध्या जा रहे कारसेवकों के एक समूह में एक जेबकतरा इस आशा के साथ शामिल हो गया कि धंधा करने का यह अच्छा मौका है। वह अपने औजार लेकर कारसेवकों में जा मिला। अयोध्या जाकर उसने रामलला के दर्शन किए। अयोध्या से वापस लौटने के बाद उसने एक सहयात्री कारसेवक से कहा कि वह अब अपना पुराना धंधा छोड़कर मेहनत से रोजी रोटी कमाना चाहता है, इसके लिए उसे कुछ धनराशि चाहिए। जेबकतरे को जब छोटी सी धनराशि मिली तो उसने सड़क के किनारे पंचर बनाने का काम शुरू कर दिया।
किसान संघ के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने यह प्रसंग सुनाते हुए कहा कि अच्छी संगत का अच्छा असर होता है। संगठन में लगे लोगों को यह प्रयास करना चाहिए कि उनके यहां ऐसा वातावरण बने जिससे लोगों में अच्छे विचार और संस्कार पैदा हों।
हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/सुफल