बिहार: उद्घाटन से पहले ही जीर्णोद्धार, निर्माण के 10 साल बाद भी नहीं खुला बालिका छात्रावास का ताला

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 बेगूसराय, 19 जनवरी (हि.स.)। सरकारें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा जोर-शोर से लगा रही है। लड़कियों को समग्र शिक्षा देने के लिए कई स्तर पर घोषणाएं हो रही है, काम भी हो रहा है। इसके बावजूद बेगूसराय में करोड़ों की लागत से बना एक सौ ओबीसी छात्राओं का छात्रावास निर्माण के दस साल बाद भी शुरू नहीं हो सका। आश्चर्य की बात तो यह है कि उद्घाटन से पूर्व इसकी मरम्मत के लिए भी 60 लाख से अधिक की योजना बनाई गई,  कुछ काम भी हुआ। मामला शहर मुख्यालय के बीपी इंटर स्कूल में बने ओबीसी छात्राओं के छात्रावास निर्माण का है। कल्याण विभाग द्वारा बेगूसराय में ओबीसी छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण की स्वीकृति एसके महिला कॉलेज में मिली लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा एनओसी नहीं मिलने के बाद इसका निर्माण बीपी स्कूल में करना तय किया गया और तत्कालीन डीएम मिहिर कुमार सिंह ने इसका शिलान्यास किया। इसके बाद भवन निर्माण विभाग द्वारा करीब एक करोड़ 30 लाख की लागत से 2010 से पहले ही तीन मंजिला छात्रावास भवन का निर्माण भी करा दिया गया। विद्यालय भवन के पीछे बने छात्रावास तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं बनाया गया। छात्रावास की चारदीवारी नहीं बनाई गई, जिसके कारण उद्घाटन नहीं हो सका। इसकी शुरुआत के लिए प्रधानाचार्य ने कई बार पत्राचार किया, लेकिन कहीं से कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच छात्रावास भवन के सभी खिड़की और गेट टूट कर ध्वस्त हो गए। चोरों ने नल, बेसिन और पंखा समेत अन्य सामान गायब कर दिए। 2013 से नए प्राचार्य प्रवीण चंद्र सिंह राय ने एक बार फिर छात्रावास का जीर्णोद्धार करवा कर इसे शुरू करवाने का प्रयास किया। डीएम से लेकर सीएम तक चिट्ठी लिखी गई। मामला राज्य मुख्यालय तक पहुंचा तो भवन की मरम्मत, चारदीवारी, ग्राउंड फिलिंग आदि के लिए 2015-16 में 65 लाख की स्वीकृति मिली। इस पर काम भी शुरू हुआ लेकिन ग्राउंड फीलिंग में छाई भरे जाने का जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो काम बंद कर दिया गया और यह छात्रावास भूत बंगला बनकर रह गया है। जहां एक सौ ओबीसी छात्राओं को रहना चाहिए, वहां सांप-बिच्छू जैसे तमाम विषैले जीव जंतुओं ने अपना बसेरा बना लिया। चारदिवारी नहीं रहने के कारण सूअरों का अड्डा बन कर रह गया है।इस संबंध में प्राचार्य प्रवीण चंद्र सिंह ने बताया कि कई बार इस ‘भूत बंगला’ बन चुके छात्रावास को चालू करने के लिए चिट्ठी लिख चुके हैं। डीएम से सीएम तक को अवगत कराया गया। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिला कल्याण कार्यालय के अनुसार छात्रावास में बाउंड्री नहीं होने के कारण विभाग द्वारा भवन का स्थानांतरण नहीं किया गया। उद्घाटन से पहले ही भवन जर्जर हो जाने पर जीर्णोद्धार कार्य की स्वीकृति मिली लेकिन भोजपुर में बने छात्रावास में अड़ंगा को लेकर मामला विधानसभा में चला गया। इसके कारण बेगूसराय के छात्रावास का मामला भी अटक गया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र


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