प्रतापगढ़ जिला विद्यालय निरीक्षक पर सूचना आयोग ने लगाया 25000 का जुर्माना
सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना न देने पर प्रतापगढ़ के जिला विद्यालय निरीक्षक को सूचना आयोग में दोषी पाया गया और राज्य सूचना आयुक्त श्रीमती किरण बाला चौधरी ने उनके ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगाया है।
क्या है मामला
प्रतापगढ़ के श्री चंडिका इंटरमीडिएट कॉलेज संडवा चंडिका में पहलादी कहार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे 2012में उनकी मृत्यु हो गई पहलादी कहार की मृत्यु के उपरांत 2016 में उनके सुपुत्र रामसेवक कहार ने जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया ताकि पहलादी कहार के जीपीएफ आदि का भुगतान किया जा सके परंतु 1 दर्जन से अधिक प्रार्थना पत्रों पर कोई सुनवाई ना होने पर अर्जुनपुर निवासी पत्रकार व सूचना का अधिकार कार्यकर्ता सौरभ सोमवंशी ने रामसेवक के समस्त प्रार्थना पत्रों को एकत्रित कर उस पर हुई कार्यवाही के बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से विस्तृत ब्योरा उपलब्ध कराने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने संबंधित क्लर्क उमाशंकर से भी कई बार संपर्क किया , इसके अलावा तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक श्याम प्रकाश यादव ने भी कडाई के साथ रामसेवक कहार की नियुक्ति तो श्री चंडिका इंटर कालेज में तो करवा दी परन्तु जीपीएफ के मामले में कोई कार्यवाही होने तक उनका स्थानांतरण हो गया। सौरभ सोमवंशी ने 19 जून 2018 को सूचना आयोग में अपील की जिस पर 3 दिसंबर 2018 को सुनवाई के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के प्रधान लिपिक अभिषेक मिश्र के द्वारा बताया गया कि सौरभ सोमवंशी का सूचना का अधिकार का कोई भी आवेदन कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इसके बाद सौरभ सिंह सोमवंशी ने इसके विरुद्ध दोबारा सूचना आयोग लखनऊ में अपील की जिस पर सुनवाई करते हुए सूचना आयोग की सूचना आयुक्त श्रीमती किरण बाला चौधरी ने जानबूझकर प्रतापगढ़ के जिला विद्यालय निरीक्षक को सौरभ सोमवंशी को सूचना न देने का दोषी पाया और सूचना का अधिकार कानून के धारा 20(1) के तहत उनके ऊपर ₹25000 का अर्थदंड लगाया है।
सूचना आयोग के फैसले के बाद प्रयागराज मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक दिव्य कांत शुक्ला के कार्यालय से दिनांक 5 दिसंबर को एक पत्र जारी किया गया है जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक प्रतापगढ़ को यह निर्देश दिया गया है कि तत्काल उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग लखनऊ में उपस्थित होकर नियमानुसार कार्रवाई में भाग लें।
पत्र की एक प्रति माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के रजिस्ट्रार, जिला अधिकारी प्रतापगढ़, वरिष्ठ कोषाधिकारी प्रतापगढ़ और पत्रकार सौरभ सिंह सोमवंशी को प्रेषित की गई है।
क्या बोले सौरभ सोमवंशी
सूचना का अधिकार कार्यकर्ता सौरभ सोमवंशी ने कहा है कि तमाम विभागों में क्लर्क और कर्मचारियों की किए गए कार्यों की करनी इसी तरह से अधिकारियों को भुगतनी पड़ती है लिहाजा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अपने उस परंपरा को कायम रखना चाहिए जिस पर काम करते हुए सरकार ने भ्रष्ट कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के करनी का फल ही है कि जिला विद्यालय निरीक्षक प्रतापगढ़ को किस स्तर तक पहुंचना पड़ा है।